मोदी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उसे बेहतर करने के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” की शुरुआत की थी। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो इस स्कीम की पात्रता के दायरे में ना होने पर भी गलत तरीके से योजना का लाभ उठा रहे हैं। सरकार के संज्ञान में जब ऐसे मामले आये तो सरकार ने तुरंत उन लोगो को नोटिस भिजवा दिए हैं।
योजना के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा
सरकार को जब जानकारी मिली कि कुछ लोग गलत तरीके से योजना का लाभ उठा रहे हैं तो सरकार ने इस योजना से जुड़े सभी लाभार्थियों के लिए सोशल ऑडिट भी शुरू किया। जिसका मकसद गलत तरीके से योजना का लाभ उठाने वाले लोगों को चिन्हित किया जा सके। अभी तक “PM किसान सम्मान निधि योजना” के अंतर्गत देश के लगभग 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को योजना की 11वीं क़िस्त का भुगतान हो चुका है। पीएम मोदी ने 11वीं क़िस्त 31 मई को एक प्रोग्राम के दौरान ट्रांसफर की थी।

आखिर कौन हैं लाभ पाने के असली हकदार?नियमानुसार ऐसा कोई भी शख्स को “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के दायरे में नहीं आते हैं जो या तो सरकारी कर्मचारी हो या आईटीआर फाइल करता हो। इसके अलावा अगर पति- पत्नी दोनों के नाम पर प्लॉट हो , तो परिवार का कोई एक ही सदस्य 6000 रुपये सालाना का लाभ ले सकता है।
अब सवाल उठता है कि योजना के नाम पर गलत तरीके से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा उठाने वालों पर आखिर सरकार कब कार्यवाही करेगी? ताकि योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिल सके और वो आर्थिक रूप से मजबूत होकर देश के विकास में सहयोगी की भूमिका निभा सकें।