देहरादून नगर निगम चुनाव में विवाद! वार्ड 98 के पार्षद की सदस्यता पर मंडराया खतरा

 

 

 

TMP: देहरादून में नगर निगम की नई सरकार बनने से पहले ही वार्ड 98 बालावाला चुनावी विवादों में घिर गया है। बीजेपी के नवनिर्वाचित पार्षद प्रशांत खरोला की सदस्यता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने उन पर चुनावी शपथ पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है। मामला जिला न्यायालय पहुंच चुका है, जहां संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

  • वार्ड 98 बालावाला से बीजेपी प्रत्याशी प्रशांत खरोला ने मात्र 26 वोटों से जीत दर्ज की थी।
  • निर्दलीय प्रत्याशी आशीष खत्री ने आरोप लगाया कि खरोला ने अपने शपथ पत्र में लंबित आपराधिक मुकदमे की जानकारी छुपाई
  • खत्री के अनुसार, खरोला पर तीन मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से दो में वह बरी हो चुके हैं, लेकिन एक अब भी लंबित है

कोर्ट ने स्वीकार किया मामला, जारी किए नोटिस

  • जिला न्यायालय ने मामले को गंभीर मानते हुए बीजेपी पार्षद, जिला निर्वाचन अधिकारी और शहरी विकास विभाग को नोटिस भेजा
  • खत्री के अधिवक्ता अभिजय नेगी का दावा है कि चुनावी शपथ पत्र में अधूरी जानकारी देना चुनावी नियमों का उल्लंघन है।
  • यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो प्रशांत खरोला की सदस्यता रद्द हो सकती है

पार्षद की सफाई, ‘जानकारी देना भूल गया’

बीजेपी पार्षद प्रशांत खरोला ने अपनी सफाई में कहा कि वह विधानसभा घेराव से जुड़े एक मामले का जिक्र भूल गए होंगे। हालांकि, बाकी मामलों में वह बरी हो चुके हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या बरी हुए मामलों की जानकारी दी गई थी, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है

क्या होगा आगे?

  • कोर्ट की सुनवाई में तय होगा कि पार्षद की सदस्यता बरकरार रहेगी या रद्द होगी
  • अगर मामला उनके खिलाफ जाता है, तो वार्ड 98 में दोबारा चुनाव हो सकता है
  • बीजेपी और विपक्षी दल इस मामले पर अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं

देहरादून नगर निगम चुनावों के बीच यह मामला राजनीतिक हलचल को और बढ़ा सकता है। अब देखना होगा कि कोर्ट का फैसला किसके पक्ष में जाता है! 

 

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