एजेंसी: भूकंप के जोरदार झटकों ने मंगलवार तड़के नेपाल, चीन, तिब्बत और भारत के कई राज्यों को हिला दिया। तिब्बत में भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई, जहां 32 लोगों की जान चली गई और 38 लोग घायल हो गए। नेपाल में भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई, जिसका असर बिहार, असम और पश्चिम बंगाल तक महसूस हुआ।
तिब्बत में तबाही, बिहार में महसूस हुए झटके
तिब्बत के शिजांग क्षेत्र में भूकंप का केंद्र था, जहां कई इमारतें धराशायी हो गईं। बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेगूसराय, मुंगेर, शिवहर और सारण में भी झटके महसूस किए गए। बंगाल के मालदा और आसपास के इलाकों में भी धरती हिली।
रहवासियों में खौफ
नेपाल के निवासी मीरा अधिकारी ने एएनआई से बातचीत में कहा, “जब भूकंप आया, मैं सो रही थी। बिस्तर हिलने पर मुझे लगा कि मेरा बच्चा इसे हिला रहा है। लेकिन खिड़की के हिलने पर एहसास हुआ कि यह भूकंप है। मैं जल्दी से बच्चे को लेकर बाहर आ गई। अभी भी सदमे में हूं।”
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप पृथ्वी की चार प्रमुख परतों (इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट) के नीचे की प्लेट्स के टकराने या खिसकने से आता है। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं, और जब इनकी गति बाधित होती है, तो सतह पर कंपन महसूस होता है।
तिब्बत में रुक-रुक कर झटके
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, तिब्बत में लगातार झटके महसूस किए जा रहे हैं। नेपाल और भारत के प्रभावित क्षेत्रों में लोग डर के साए में हैं।
अलर्ट और सतर्कता की आवश्यकता:
विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने और भूकंप से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है।