चकराता/देहरादून: देश के लिए 24 वर्ष की अल्पायु में प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद वीर केसरी चंद की शौर्यगाथा को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से चकराता के रामताल गार्डन में आयोजित बलिदान दिवस मेले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लेकर एक बार फिर यह संदेश दिया कि राज्य सरकार शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को सिर्फ याद नहीं करती, उन्हें सम्मानित भी करती है।
मुख्यमंत्री ने वीर शहीद केसरी चंद को नमन करते हुए कहा कि आजाद हिंद फौज के इस वीर सपूत का बलिदान राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में शौर्य स्थलों का निर्माण और वीरों के नाम पर संस्थानों का नामकरण किया जा रहा है, जिससे नई पीढ़ी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया जा सके।
घोषणाएं जो इतिहास को भविष्य से जोड़ेंगी
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
1. चकराता के गवासा पुल स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) का नाम अब वीर शहीद केसरी चंद के नाम पर होगा।
2. केसरी चंद मेले के संचालन के लिए ₹5 लाख की धनराशि प्रतिवर्ष राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी।
सम्मान उन हस्तियों का जिन्होंने जौनसार की पहचान बनाई
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया:
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कलम सिंह चौहान (संस्कृति एवं कला)
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राजेंद्र सिंह तोमर (सामाजिक कार्य)
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डॉ. प्रदीप उनियाल (चिकित्सा)
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विजय सिंह (कृषि एवं बागवानी)
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अंकित शर्मा (खेल)
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शिल्पा चौहान (महिला उत्थान)
विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने भी शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जौनसार के नौजवान आज शिक्षा, सेवा और खेल के क्षेत्र में राज्य और देश में अपनी पहचान बना रहे हैं।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में गीताराम गौड़, मूरत राम शर्मा, नीरज कुमार शर्मा, संजीव चौहान, मठोर सिंह समेत सैकड़ों नागरिक और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।