TMP : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और जल-नीति के स्तर पर बड़ा प्रहार किया है। भारत ने 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते को खत्म करने के बाद अब चिनाब नदी के पानी का प्रवाह भी रोक दिया है। बगलिहार बांध के जरिए पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोका गया है, जिससे पड़ोसी मुल्क को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की 80 प्रतिशत कृषि भूमि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर है, ऐसे में पानी की कटौती उसकी अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा संकट बन सकती है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से अहम बैठक की, जो करीब 40 मिनट चली। इससे पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। ये तमाम बैठकों का सिलसिला पहलगाम आतंकी हमले के बाद लगातार जारी है, जिसमें 22 अप्रैल को 26 लोग मारे गए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तैयारी कुछ बड़ा कदम उठाने की ओर इशारा कर रही है। याद दिला दें कि 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर आतंक के ठिकानों को ध्वस्त किया था, जिसमें वायुसेना की भूमिका अहम रही थी। अब एक बार फिर ऐसी अटकलें तेज हैं कि भारत जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर काम कर रहा है।
इधर भारत के फैसलों से बौखलाए पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर फिर से संघर्ष विराम तोड़ दिया है। 3-4 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
कुल मिलाकर भारत की सख्ती ने पाकिस्तान को कई मोर्चों पर बैकफुट पर ला दिया है—चाहे वह कूटनीति हो, जल-नीति हो या सीमाई सुरक्षा।