देहरादून: उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान होते ही राजनीतिक माहौल गरमा गया है। 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए विभिन्न दलों के नेता मैदान में उतर चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने इस चुनाव के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है, और भाजपा को चुनौती देते हुए दावा किया है कि इस बार कांग्रेस केदारनाथ में जीत का परचम लहराएगी।
शीशपाल बिष्ट ने जताई टिकट की दावेदारी
शीशपाल बिष्ट ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की गैरमौजूदगी में प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी और प्रदेश अध्यक्ष के सलाहकार अमरजीत सिंह को अपनी दावेदारी का औपचारिक प्रस्ताव सौंपा। बिष्ट का कहना है कि अगर पार्टी ने उन पर विश्वास जताया, तो वह कांग्रेस को इस सीट पर विजय दिलाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में उनकी लंबे समय से सक्रियता रही है, और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों का वह पूरी निष्ठा से निर्वहन करते आए हैं।
भाजपा की उपेक्षा का आरोप, चुनावी वादों पर निशाना
शीशपाल बिष्ट ने भाजपा पर पिछले 7 सालों से केदारनाथ क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अब ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन इन सात वर्षों में भाजपा को क्षेत्र की समस्याओं की कोई सुध नहीं थी। बिष्ट का मानना है कि जनता भाजपा की इन घोषणाओं से प्रभावित नहीं होगी और कांग्रेस को समर्थन देगी।
बदरीनाथ और मंगलौर की जीत दोहराने का दावा
शीशपाल बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस इस उपचुनाव को पूरी ताकत से लड़ेगी, और जिस तरह पार्टी ने बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की थी, उसी तर्ज पर केदारनाथ में भी कांग्रेस विजयी होगी। उनका दावा है कि कांग्रेस की रणनीति और संगठनात्मक मजबूती इस बार भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर देगी।
टिकट की जंग: दोनों दलों में उथल-पुथल
भाजपा ने भी अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची दिल्ली भेज दी है, और टिकट के लिए दावेदार अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। वहीं, कांग्रेस में भी टिकट के दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस किस पर अपना विश्वास जताती है, और कौन केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरेगा।
इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है, और दोनों ही दल अपनी-अपनी रणनीतियों को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।