केदारनाथ हाईवे पर भूस्खलन का कहर: 6000 यात्रियों को सुरक्षित निकाला, यात्रा संचालन में बढ़ी चुनौती

photo- etv bharat

 

  • लगातार बारिश से बिगड़े हालात, सोनप्रयाग स्लाइडिंग जोन में पत्थरों की बारिश

रुद्रप्रयाग: जिले में हो रही मूसलाधार बारिश ने केदारनाथ हाईवे को खतरनाक बना दिया है। सोनप्रयाग स्लाइडिंग जोन में आज भी पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी रहा, जिससे स्थानीय लोग और तीर्थयात्री लगातार खतरे में हैं। हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन होने से आवागमन में भारी बाधाएं आ रही हैं।

एसडीआरएफ और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए केदारनाथ से लौट रहे 6000 यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया। बारिश कम होने पर 100 यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए भेजा गया। कोतवाली निरीक्षक देवेंद्र असवाल ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यात्रा का संचालन किया जा रहा है, और सुबह 11 बजे के बाद किसी भी यात्री को सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।

डेंजर जोन बने जानलेवा, बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें

केदारनाथ हाईवे पर भटवाड़ीसैंण, रामपुर, बांसबाड़ा, कुंड, फाटा, सीतापुर से लेकर सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच की स्थिति अत्यधिक खतरनाक हो गई है। ऑल वेदर रोड के निर्माण के बाद उभरे डेंजर जोन बरसात के मौसम में जानलेवा बन चुके हैं, जिससे वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।

एनएच विभाग का ट्रीटमेंट कार्य जारी, बारिश के कारण आ रही दिक्कतें

एनएच विभाग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि लगातार बारिश के चलते पहाड़ियों से पत्थर गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। भटवाड़ीसैंण के पास ट्रीटमेंट का काम चल रहा है, लेकिन बारिश के कारण कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच राजमार्ग पर काम तेज गति से जारी है, और बारिश कम होते ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।

यात्रा संचालन में बड़ी चुनौती, प्रशासन सतर्क

भारी बारिश और भूस्खलन के चलते प्रशासन सतर्क है और हर कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है। यात्रा मार्ग पर सावधानी बरतने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। इस स्थिति में, प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और स्थिति के सामान्य होने तक सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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