- हरियाली से बर्बादी तक: मनगड़ गांव का दर्दनाक सफर
बेरीनाग का मनगड़ गांव कभी उपजाऊ भूमि और हरे-भरे खेतों के लिए जाना जाता था। यहां सब्जियों और अन्य फसलों का प्रचुर उत्पादन होता था। लेकिन, करीब एक दशक पहले गांव से महज 300 मीटर दूर खड़िया खदान की स्वीकृति ने इस शांतिपूर्ण गांव को विनाश के कगार पर ला दिया। ग्रामीणों ने इस खदान का जमकर विरोध किया था, पर प्रशासन ने उनकी कोई नहीं सुनी। आज, उसी खनन का खामियाजा गांव के लोग भुगत रहे हैं।
भूस्खलन का कहर: मकान हुए ध्वस्त, ग्रामीणों का बढ़ता आक्रोश
बीते दिनों खड़िया खदान के पास हुए भूस्खलन से गांव के छह मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन मकानों के ध्वस्त होने से ग्रामीणों की मेहनत की सालों की कमाई मलबे में तब्दील हो गई। इससे पहले भी पंचायत घर भूस्खलन की चपेट में आ चुका था। पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह ने बताया कि खनन से हो रहे खतरे को लेकर कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
प्रशासन की उपेक्षा का दंश: ‘हमारा सब कुछ मलबे में दब गया’
गांव की सैकड़ों नाली उपजाऊ भूमि खड़िया खनन की बलि चढ़ चुकी है। ग्रामीण कल्याण का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा। आज उनका मेहनत से बनाया घर खनन की वजह से मलबे में तब्दील हो गया है। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि घरों में रखे गहने और खाद्य सामग्री भी मलबे में दब गए हैं।
डीएम-एसपी ने किया निरीक्षण
घटना के बाद डीएम विनोद गोस्वामी और एसपी रेखा यादव ने मौके पर पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को 1 लाख 30 हजार रुपये के चेक वितरित किए और प्रभावित परिवारों को पास के हाईस्कूल में अस्थायी रूप से शिफ्ट करने के निर्देश दिए। साथ ही, भोजन और पशुओं के चारे की व्यवस्था भी की गई।
नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा खनन
पिपली की खड़िया खदान में बाहरी क्षेत्रों से आकर खनन माफिया नियमों को ताक पर रखकर अनियोजित तरीके से खनन कर रहे हैं। इस लापरवाही का खामियाजा मनगड़ गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण पुरानाथल, कांडे किरौली, पांखू और राईआगर सहित अन्य क्षेत्रों में एक दर्जन मकान खतरे की जद में आ गए हैं। एसडीएम यशवीर सिंह ने कहा कि सभी प्रभावित स्थानों पर क्षति का आकलन किया जा रहा है।
डीएम ने कुमाऊंनी में दिया आश्वासन, खनन पर रोक के आदेश
घरों के ध्वस्त होने पर जब महिलाएं डीएम के सामने रोने लगीं, तो डीएम विनोद गोस्वामी ने कुमाऊंनी भाषा में उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी पूरी मदद की जाएगी। ग्रामीणों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीएम ने खड़िया खनन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
विधायक और कांग्रेस नेताओं की मांग, प्रभावितों को मिले उचित मुआवजा
विधायक फकीर राम टम्टा ने अधिकारियों को प्रभावितों को मुआवजा और विस्थापन सहित अन्य राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व राज्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता खजान गुड्डू ने खनन को इस आपदा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार से 20 लाख रुपये मुआवजा और मकान बनाकर देने की मांग की है।
भय के साये में जी रहे ग्रामीण
भूस्खलन के बाद पूरे गांव में अंधेरा और भय का माहौल है। ग्रामीणों ने जागकर रात गुजारी, क्योंकि उन्हें डर है कि अगला भूस्खलन कब और कहां होगा।
प्राकृतिक संसाधनों के अनियंत्रित दोहन का खामियाजा, खड़िया खनन की त्रासदी
मनगड़ गांव की ये कहानी सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के अनियंत्रित दोहन के विनाशकारी परिणामों का एक जीता-जागता उदाहरण है। अब देखना ये है कि प्रशासन और सरकार कितनी जल्दी इस समस्या का स्थाई समाधान निकाल पाते हैं।