TMP : भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को अंदर से झकझोर कर रख दिया है। सैन्य मोर्चे पर लगातार शिकस्त झेल रहे पाकिस्तान ने अब अपने ही सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को पद से हटा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया है। उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को पाकिस्तान का नया आर्मी चीफ नियुक्त किया गया है।
भारत के ऑपरेशन के बाद मची अफरातफरी
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और पूरी तरह तबाह कर दिया। इस मिशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। भारत की इस आक्रामक कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है। जवाबी कार्रवाई में उसने सीमा पर ड्रोन हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उसके ड्रोन, मिसाइलें और फाइटर जेट्स तक को मार गिराया।
दो फाड़ में बंटी पाक सेना, सेना प्रमुख पर गंभीर आरोप
भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान की सेना में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनरल मुनीर पर ‘पर्सनल एजेंडा’ चलाने और संवेदनशील जानकारियाँ लीक करने के आरोप लगे हैं। इसी के चलते उन्हें सेना प्रमुख के पद से हटाकर हिरासत में ले लिया गया।
कौन हैं नए सेना प्रमुख साहिर शमशाद मिर्जा?
नए सेना प्रमुख बने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी माने जाते हैं। मिर्जा पहले पाकिस्तान की जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के चेयरमैन रह चुके हैं और सेना में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं। वे डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस और चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जैसे पदों पर भी तैनात रहे हैं।
साहिर शमशाद का बचपन संघर्षों में बीता। माता-पिता के निधन के बाद वे सेना की सिंध रेजिमेंट से जुड़े और अपनी यूनिट को ही अपना परिवार मान लिया। जनरल शरीफ के कार्यकाल में भी वे मुख्य कोर टीम का हिस्सा रहे हैं।
पाकिस्तान में नेतृत्व संकट, भारत सतर्क
एक ओर जहां पाकिस्तान में सेना का नेतृत्व ही अस्थिर हो गया है, वहीं भारत पूरी तरह सतर्क है। पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ की कोशिशों और ड्रोन हमलों के बीच भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है।
भारत की सैन्य कार्रवाई से केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने ही नहीं, उसकी सत्ता और सेना की नींव भी हिल चुकी है। सेना प्रमुख की गिरफ्तारी और नए आर्मी चीफ की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान आंतरिक संकट की गिरफ्त में है।