‘हिंदी दिवस समारोह-2024’ : मुख्यमंत्री धामी ने “उत्तराखंड की लोक कथाओं” का किया विमोचन

 

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी. प्रेक्षागृह में ‘हिंदी दिवस समारोह-2024’ के अवसर पर उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संस्थान की पुस्तक “उत्तराखंड की लोक कथाएं” का विमोचन किया, जिसमें उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को चित्रित किया गया है।

प्रतिभागियों का सम्मान और साहित्यिक प्रतिभाओं का प्रोत्साहन

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कविता, कहानी, यात्रा वृतांत, और नाटक लेखन प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। साथ ही, बोर्ड परीक्षाओं में हिंदी विषय में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया। यह समारोह उत्तराखंड के युवाओं में साहित्यिक प्रतिभा को बढ़ावा देने का सशक्त मंच बना।

हिंदी: एक भाषा नहीं, हमारी संस्कृति का प्रतीक

मुख्यमंत्री धामी ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हिंदी एक भाषा मात्र नहीं, यह हमारी संस्कृति और राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है। इसने हमारी सभ्यता को समृद्ध और समाज को एकजुट किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी का गौरव सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है; यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में संवाद का एक प्रमुख सेतु बन चुकी है।

वैश्विक मंच पर हिंदी का उत्थान

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “आज दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन हो रहा है, और ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी ने वैश्विक पहचान बनाई है।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार हिंदी के प्रचार-प्रसार और इसके उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है, और यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी मातृभाषा का सम्मान करें।

नवोदित लेखकों और साहित्यकारों के लिए विशेष योजनाएं

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में साहित्यकारों के लिए “उत्तराखंड गौरव सम्मान” और वित्तीय सहायता योजनाओं की भी घोषणा की। इस योजना के तहत 17 साहित्यकारों को अनुदान प्रदान किया गया है, जो साहित्यिक रचनाओं को प्रोत्साहन देने का एक बड़ा कदम है। उन्होंने उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा किए गए नवाचारों की सराहना करते हुए कहा, “संस्थान के नवाचारों ने राज्य के साहित्यिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

भाषा मंत्री सुबोध उनियाल का आभार

समारोह में भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा साहित्य भूषण पुरस्कार की धनराशि को पांच लाख रुपये तक बढ़ाने का अनुरोध स्वीकृत कर लिया गया है। इस पुरस्कार को प्रतिवर्ष दिया जाएगा, जो साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन होगा।

संकल्प: हिंदी का सम्मान और प्रचार-प्रसार

मुख्यमंत्री ने युवाओं से आग्रह किया कि वे हिंदी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और इसे 21वीं सदी की सशक्त भाषा के रूप में स्थापित करें। उन्होंने कहा “हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और इसे दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए,”। साथ ही उन्होंने युवाओं को कई भाषाएं सीखने और उनसे संकोच न करने का संदेश दिया।

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