TMP: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की निर्णायक मार से घबराए पाकिस्तान ने 8 मई की रात उत्तरी और पश्चिमी भारत में करीब 15 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की। लेकिन भारत की सख्त और हाई-टेक एयर डिफेंस प्रणाली के सामने उसका यह दुस्साहस महज़ एक विफल शो था। पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलें हवा में ही मच्छरों की तरह ढेर हो गईं। उनके मलबे अवंतीपुरा से लेकर गुजरात के कच्छ तक साफ देखे जा सकते हैं।
रक्षा मंत्रालय का बयान:
भारत के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि “हमारे एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने तुरंत हर खतरे को ट्रैक कर निष्क्रिय कर दिया। भारत की यह प्रतिक्रिया सटीक, संतुलित और पूरी तरह गैर-उग्र थी, लेकिन बेहद प्रभावशाली।”
भारत की ‘अदृश्य ढाल’ – एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड क्या है?
यह सिस्टम किसी फिल्मी कल्पना से कम नहीं। भारत का एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (C-UAS) एक आधुनिक रक्षा तंत्र है जो दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों को दूर से पहचान कर निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसमें रडार, RF सेंसर, कैमरे, ध्वनि डिटेक्टर और AI आधारित एल्गोरिदम का इस्तेमाल होता है।
खतरा जैसे ही दिखता है, यह ग्रिड अपने हथियारों में से उपयुक्त मिसाइल या जैमिंग टेक्नोलॉजी चुनकर तैनात कर देता है।
भारत की बहुस्तरीय वायु सुरक्षा प्रणाली:
रेंज | सिस्टम | देश | विशेषता |
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लॉन्ग रेंज | S-400 ट्रायम्फ | रूस | 450 किमी तक मार |
मीडियम रेंज | MR-SAM, बराक 8 | भारत-इज़राइल | 70–150 किमी रेंज, ज़मीनी व नौसैनिक दोनों पर तैनात |
शॉर्ट-टू-मीडियम | आकाश | स्वदेशी | 30–50 किमी रेंज |
शॉर्ट रेंज | स्पाइडर | इज़राइल | 8–10 किमी, संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा |
वीएसएचओआरएडी | शिल्का, तुंगुस्का, मैन-पोर्टेबल मिसाइल | मिश्रित | बहुत नजदीकी हमलों के लिए |
तकनीकी चुनौती: अलग-अलग सिस्टम, एक नेटवर्क
भारत की वायु रक्षा प्रणाली कई देशों से आयातित और स्वदेशी प्रणालियों का मिश्रण है – रूस, अमेरिका, इज़राइल और फ्रांस से लाए गए सिस्टमों में पारस्परिक समन्वय की सीमाएं हैं। फिर भी, हालिया हमले को नाकाम कर इन प्रणालियों ने यह साबित कर दिया कि भारत की ढाल अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत, सतर्क और सक्षम है।
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की एयर डिफेंस प्रतिक्रिया भारत के सैन्य कौशल और तकनीकी श्रेष्ठता की एक मिसाल है। इस घटनाक्रम ने न सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी दी है, बल्कि दुनिया को यह भी दिखाया है कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता — वह पहले से तैयार रहता है।