TMP : बीती रात भारत के उत्तरी और पश्चिमी सैन्य ठिकानों पर हमला करने की पाकिस्तान की साज़िश उस वक्त बुरी तरह नाकाम हो गई जब भारतीय वायु रक्षा तंत्र ने आसमान में ही उसके मंसूबों को चकनाचूर कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर की ‘शांति में शक्ति’ नीति से घबराया पाकिस्तान, 15 से अधिक भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने निकला, लेकिन भारतीय एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम की लोहे जैसी ढाल ने इन सभी हमलों को पल भर में निष्क्रिय कर दिया।
अब पाकिस्तान की वह ‘ड्रोन सेना’ मरी हुई मक्खियों की तरह भारतीय जमीन पर बिखरी पड़ी है — कश्मीर के अवंतीपुरा से लेकर गुजरात के कच्छ तक।
भारत के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि देश की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली ने इस पूरे हमले को बेअसर किया, जो 1,800 किलोमीटर तक फैले भारतीय क्षेत्र पर किया गया था। यह न केवल भारतीय सैन्य तकनीक की ताकत का प्रमाण है, बल्कि उस रणनीतिक ढांचे का भी परिचायक है, जो भारत की वायु सीमाओं की रक्षा करता है।
क्या है ये ‘अदृश्य ढाल’?
यह चमत्कार कर दिखाया भारत की एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (C-UAS) ग्रिड ने — एक ऐसा तकनीकी जाल जो रडार, रेडियो वेव, कैमरा और सेंसर के जरिए दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों को पहचानता, ट्रैक करता और ध्वस्त कर देता है। इन ग्रिड्स में सिग्नल जैमिंग से लेकर काइनेटिक इंटरसेप्शन तक की क्षमता होती है।
भारत की वायु रक्षा प्रणाली बहुस्तरीय है — जैसे लंबी दूरी के लिए रूस से आयातित S-400 ट्रायम्फ (450 किमी तक), मध्यम दूरी के लिए बराक-8 और MR-SAM (70-150 किमी), और छोटी दूरी के लिए स्वदेशी ‘आकाश’ सिस्टम (30-50 किमी)। वहीं, बेहद निकट के खतरों के लिए स्पाइडर, शिल्का और VSHORAD मिसाइलें तैनात हैं।
तकनीक में विविधता, लक्ष्य में एकता
हालांकि भारत की वायु रक्षा प्रणाली में रूस, अमेरिका, इज़राइल और स्वदेशी तकनीकों का मिश्रण है — जो ‘Apple इकोसिस्टम’ जैसे अलग-अलग ऑपरेटिंग मॉडल पर काम करती हैं — लेकिन इनकी सामूहिक शक्ति ने एक अभेद्य कवच का निर्माण किया है।
पाकिस्तान के लिए चेतावनी
इस हमले की नाकामी पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है — भारत अब केवल सीमाओं पर नहीं, आसमान में भी हर हमले का जवाब देने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर की शांत नीति के बावजूद भारत की तकनीकी तैयारी और सामरिक संतुलन यह दिखाता है कि देश की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता।
ये महज़ एक तकनीकी जीत नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से भरे भारत का प्रतीक है — जो न सिर्फ हमले को झेल सकता है, बल्कि उसे वापस उसी के घर में भेजने की ताकत भी रखता है।