उत्तराखण्ड वित्त सेवा संघ का 10वाँ वार्षिक अधिवेशन देहरादून के राजपुर रोड स्थित होटल अकेता में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, निदेशक कोषागार दिनेश चंद्र लोहनी और उत्तराखण्ड वित्त सेवा संघ के अध्यक्ष जयपाल सिंह तोमर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अधिवेशन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
वित्तीय अनुशासन और विकास योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका
वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने अपने संबोधन में वित्त सेवा के अधिकारियों के योगदान की सराहना की और वित्त सेवा को प्रतिष्ठा प्राप्त सेवा बताया। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग है जो वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। अग्रवाल ने राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में वित्त विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और संघ की मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
अपर मुख्य सचिव का संदेश: बदलती जरूरतों के अनुसार कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य के विकास में वित्त सेवा के योगदान को सराहा और अधिकारियों को बदलते सामाजिक परिदृश्यों के अनुसार अपनी कार्यप्रणाली और नियमों की व्याख्या करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि अधिकारी सरकार की नीतियों को आम जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालें।
कार्यकारिणी का पुनर्गठन: नए पदाधिकारियों का चुनाव
इस अवसर पर उत्तराखण्ड वित्त सेवा संघ की कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया गया। अध्यक्ष के पद पर जयपाल सिंह तोमर, महासचिव के पद पर ख़ज़ान चंद्र पांडेय और उपाध्यक्ष गढ़वाल के पद पर भूपेन्द्र प्रसाद कांडपाल को पुनः निर्वाचित किया गया। वहीं, उपाध्यक्ष कुमाऊँ के पद पर श्री सूर्य प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष के पद पर संजीव कुमार और सचिव प्रशासन के पद पर शशि सिंह का चुनाव हुआ। महासचिव ख़ज़ान चंद्र पांडेय ने वित्त परिवार की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी का स्वागत किया।