उत्तराखंड में वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने पर जोर: PEFA कार्यशाला संपन्न

 

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के वित्त सचिव दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में पब्लिक एक्सपेंडिचर और फाइनेंसिंग अकाउन्टबिलिटी (PEFA) की दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस बैठक में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP), विश्व बैंक टीम और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई।

PEFA मानकों पर गहन चर्चा

कार्यशाला की शुरुआत में बजट अधिकारी मनमोहन मैनाली ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। NIPFP के प्रोफ़ेसर प्रताप रंजन जेना ने PEFA की अवधारणा और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि PEFA मानक सार्वजनिक वित्त की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और इनका अनुपालन उत्तराखंड के वित्तीय ढांचे को मजबूत करेगा।

वित्तीय प्रबंधन में सुधार की प्रतिबद्धता

विश्व बैंक के प्रतिनिधि ने उत्तराखंड की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि राज्य को एक मजबूत वित्तीय ढांचा प्रदान करने में उनकी संस्था पूरी तरह से सहयोग करेगी। उन्होंने बताया कि PEFA मानकों के अनुपालन से राज्य की वित्तीय स्थिरता और विकास की संभावनाएं बेहतर होंगी।

वित्त सचिव ने किया सुधार का संकल्प

वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, “हम PEFA मानकों के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कार्यशाला से हमें आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिनसे हम अपने वित्तीय प्रबंधन को और अधिक सशक्त बना सकेंगे।”

डेटा संग्रहण और रिपोर्टिंग पर जोर

बैठक में PEFA एसेसमेंट के लिए ठोस डेटा संग्रहण, विश्लेषण और सही रिपोर्टिंग तंत्र विकसित करने पर जोर दिया गया। सभी भागीदारों ने वित्तीय प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए एक मजबूत ढांचे की आवश्यकता पर सहमति जताई।

यह कार्यशाला राज्य के वित्तीय प्रबंधन में सुधार और बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है। उत्तराखंड सरकार, NIPFP और विश्व बैंक के संयुक्त प्रयासों से राज्य में वित्तीय पारदर्शिता को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

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