मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में तीर्थ पुरोहितों, पदाधिकारियों, होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटर, ट्रांसपोर्टर्स, और व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य चारधाम यात्रा के सुगम और सुरक्षित संचालन के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आजीविका के संबंध में चर्चा करना था।
सामूहिक जिम्मेदारी और सुविधाओं का विकास
मुख्यमंत्री ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उत्तराखण्ड आते हैं, और इस यात्रा का सफल संचालन सामूहिक जिम्मेदारी है। बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रयासरत है। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी यात्रा के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था पहले की तरह ही चालू रहेगी, साथ ही ऑफलाइन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बदरीनाथ के मुख्य पड़ावों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
बैरिकेडिंग और चेकिंग की समीक्षा
बैठक में बैरिकेडिंग और चेकिंग की व्यवस्था की समीक्षा की गई, जिसमें इसे न्यूनतम करने और यात्रा को अधिक सुगम बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि अन्य प्रदेशों से आने वाले प्राइवेट वाहनों पर ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड की अनिवार्यता की मांग पर भी विचार किया जा रहा है।
मास्टर प्लान और दीर्घकालिक योजना पर जोर
मुख्यमंत्री ने यमुनोत्री धाम में खरसाली से रोपवे के कार्य में तेजी लाने और पालीगाड़ से जानकीचट्टी तक सड़कों के चौड़ीकरण पर मॉनीटरिंग कमेटी से क्लीयरेंस मिलने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गंगोत्री और यमुनोत्री के मास्टर प्लान के कार्यों में भी तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा, गंगा-यमुना एक्सप्रेस के नाम से एक स्पेशल ट्रेन चलाने और यमुनोत्री में हेली सेवा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
सुझावों पर विचार और भविष्य की तैयारी
बैठक में मौजूद चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों ने अपने सुझाव दिए, जिन पर मुख्यमंत्री ने विचार कर यात्रा को सुगम बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निर्देश दिया कि 15 दिन के अंतराल में यात्रा से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक करें।
मंत्रियों का समर्थन
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन के लिए सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी कहा कि सुव्यवस्थित यात्रा के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा, और सरकार दीर्घकालिक योजना के साथ कार्य कर रही है।