प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु पहुँचते ही इसरो के वैज्ञानिकों से की मुलाकात, ISRO प्रमुख एस सोमनाथ को गले लगाकर दी शुभकामनाएं

शनिवार को भारत लौटते ही प्रधानमंत्री मोदी सीधे बेंगलुरु पहुँचते । जहाँ उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात कर चंद्रयान-3 मिशन की टीम को उनकी सफलता पर शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को गले लगाकर मिशन के विषय में बातचीत की| जब पीएम मोदी ने इसरो कमांड सेंटर के केंद्र में वैज्ञानिकों को संबोधित करना शुरू किया तो चंद्रयान 3 की सफलता की बात करते ही उनकी आँखों में आंसू आ गए| उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि मून मिशन में कामयाबी मिलने के बाद वह यहां आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे| पीएम ने वैज्ञानिकों को देश के भविष्य की दिशा तय करने वाला बताया| जिसक लिए मोदी ने एक नया नारा भी दिया ” जय विज्ञान,  जय अनुसंधान”|  
 
पीएम ने बेंगलुरु में रोड शो भी किया 
पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 का लैंडर चन्द्रमा के जिस हिस्से में उतरा है| भारत ने उस स्थान का नामकरण करने का फैसला लिया है | अब उस पॉइंट को शिव शक्ति के नाम से जाना जायेगा| 
 
शिव शक्ति नाम ही क्यों ? 
पीएम मोदी ने कहा कि इस पॉइंट का नाम शिव शक्ति के नाम पर रखने की एक खास वजह ये है कि शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प समाहित है और शक्ति से हमें उन संकल्पों को पूरा करने का बल मिलता है | 
 
चंद्रयान 2 के पद चिन्ह को, कहा जायेगा तिरंगा पॉइंट 
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर घर में तिरंगा पहुंच गया है | इसलिए चन्द्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने अपने पद चिन्ह छोड़े थे | उस स्थान को अब तिरंगा पॉइंट कहा जायेगा | यह तिरंगा पॉइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा | यह तिरंगा पॉइंट हमें सीख देगा की कोई भी सफलता आखिरी नहीं होती| 
 
23 अगस्त को भारत मनाएगा नेशनल स्पेस डे 
पीएम मोदी ने कहा कि 23 अगस्त को भारत का चंद्रयान -3 मिशन सफल हुआ | इसलिए ये दिन भारत में नेशनल स्पेस डे के नाम से जाना जाएगा| 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया उस दिन को हिंदुस्तान नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएगा| यह दिन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो सफलता मिलकर रहेगी| आज भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है जिसने चंद्रमा की सतह को छुआ है| 
 
इसरो ने प्रैक्टिस के लिए बनाया था आर्टिफिशियल मून
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश के वैज्ञानिकों ने इस मिशन की सफलता के लिए जो साधना की है वह देशवासियों को पता होनी चाहिए| यह यात्रा इतनी आसान नहीं थी| लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल मून तक बना डाला था| साथ ही इस पर विक्रम लैंडर को उतारने की पूरी प्रैक्टिस की गई| इतनी सारी प्रक्रिया व  एग्जाम से गुजरने के बाद जब लैंडर चंद्रमा तक गया तो उसे सफलता मिलना तय था| 
 
वैज्ञानिकों के परिश्रम और जब्बे को सलूट
पीएम मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों के परिश्रम और जब्बे को सलूट करते हुए कहा मैं भारत आते ही जल्द से जल्द आपके मूल मिशन टीम के दर्शन करना चाहता था| आप सबको मेरा सलूट है, आपके परिश्रम को सलूट है, आपकी जीवंत को सलूट है, हम आपकी लगन को सैल्यूट करते हैं, आपके जज्बे को सैल्यूट करते हैं| इस दौरान पीएम मोदी की आंखें भर आई, उन्होंने कहा आप देश को जिस ऊंचाई तक लेकर गए हैं वह साधारण सफलता नहीं है| यह अनंत अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक समर्थ का शंखनाद है| हम वहां पहुंचे, जहां कोई नहीं पहुंचा|  हमने वह किया, जो कभी किसी ने नहीं किया|  
 
देश के युवाओं को दिया टास्क 
पीएम मोदी ने देश के युवाओं को टास्क देते हुए कहा भारत के शास्त्रों में जो खगोलीय सूत्र हैं उन्हें वैज्ञानिक रूप में सत्यापित करने के लिए नई वीडियो को आगे आना चाहिए|  उन्होंने ऋषि मुनियों के समय का जिक्र करते  हुए कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के तमाम गुण और रहस्य की खोज बहुत पहले ही कर दी गई थी| आज पूरी दुनिया भारत की विज्ञान शक्ति, हमारी टेक्नोलॉजी और हमारे वैज्ञानिक स्वभाव को मान चुकें हैं| आज हर बच्चा आपमें अपना भविष्य देखता है| आपने युवाओं को एक रास्ता दिखाया है| आपकी उपलब्धि में चंद्रयान -3 उपलब्धि है बल्कि पूरे देश में आपके द्वारा फैलाई गई प्रेरणा और ऊर्जा की महल भी है|  मानव सभ्यता में पहली बार धरती के लाखों साल के इतिहास में पहली बार उसे स्थान की तस्वीर मानव अपनी आंखों से देख रहा है| और यह तस्वीर दुनिया को दिखाने का काम भारत ने किया| यह काम आप सभी वैज्ञानिकों ने किया है आज पूरी दुनिया हमारे टेक्नोलॉजी और साइंस डेवलपमेंट का लोहा मान चुकी है| 
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