CM धामी ने नीति आयोग बैठक में लिफ्ट इरिगेशन को “पीएम कृषि सिंचाई योजना” में  शामिल करने का किया अनुरोध

 

 

 

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की 10वीं बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के लिए अनेक जमीनी और भविष्यद्रष्टा सुझाव सामने रखे। उन्होंने “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना” की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का पुरजोर अनुरोध करते हुए कहा कि उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक स्थिति के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में केवल 10% भूमि ही सिंचित हो पा रही है, जिसे तकनीकी नवाचारों के जरिये सुधारने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने शहरीकरण से उत्पन्न ड्रेनेज संकट को भी केंद्र में रखा और एक राष्ट्रीय स्तर की टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली बनाने के लिए विशेष योजना की मांग की। उन्होंने “नदी जोड़ो परियोजना”, चेक डैम, और लघु जलाशयों के निर्माण के जरिये वर्षा जल के संरक्षण को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया।

राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मुख्यमंत्री ने हाई वैल्यू एग्रीकल्चर मिशन की जानकारी दी, जिसके तहत एप्पल, कीवी, ड्रैगन फ्रूट, मिलेट और सगंध खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान मात्र 9.3% है जबकि इसमें 45% जनसंख्या संलग्न है। इस असंतुलन को सुधारने की दिशा में राज्य सरकार गंभीर है।

धामी ने 2026 की नंदा राजजात यात्रा और 2027 के हरिद्वार कुंभ को “भव्य और दिव्य” बनाने के लिए केंद्र से विशेष सहयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि अगले 10 साल डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने के लिहाज़ से बेहद अहम हैं और इसी कारण स्वरोजगार योजनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाभार्थी अब ₹1 लाख से अधिक मासिक आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।

पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी राज्य सरकार ने ग्रीन इंडेक्स (GEP) की शुरुआत की है, जो जीडीपी की तर्ज पर पर्यावरणीय संतुलन को मापने का प्रयास है। धामी ने जियोथर्मल ऊर्जा नीति लागू करने की भी घोषणा की और बताया कि राज्य में ग्रीन नेशनल गेम्स के दौरान 4000 ई-वेस्ट से बने पदक और सौर ऊर्जा से संचालन कर लगभग 5000 टन CO₂ उत्सर्जन रोका गया।

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