TMP: उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हिमस्खलन हुआ, जिससे सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप को भारी नुकसान पहुंचा। इस दौरान वहां मौजूद 57 मजदूरों में से अब तक 16 को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि बाकी मजदूरों को बचाने के लिए सेना, आईटीबीपी, और एसडीआरएफ की टीमें अभियान चला रही हैं।
मौसम बना सबसे बड़ी चुनौती
लगातार हो रही बर्फबारी और खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं। हाईवे बर्फ से ढका होने के कारण एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर से एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड टीम को उतारने की योजना बनाई गई है।
बचाव कार्यों में जुटी सेना और आईटीबीपी
- अब तक 16 मजदूर निकाले गए, तीन की हालत गंभीर – गंभीर रूप से घायल मजदूरों को सेना चिकित्सालय भेजा गया है।
- 42 मजदूर अब भी लापता – BRO के मजदूर हाईवे चौड़ीकरण और डामरीकरण के काम में लगे थे।
- हिमस्खलन की चेतावनी पहले से थी जारी – राज्य आपातकालीन केंद्र ने कई जिलों में हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया था।
- ड्रोन टीम अलर्ट पर लेकिन संचालन असंभव – भारी बर्फबारी के कारण अभी ड्रोन ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।
गृह मंत्री और सीएम का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात की। उन्होंने कहा, “फंसे लोगों को निकालना हमारी प्राथमिकता है, एनडीआरएफ की दो टीमें जल्द पहुंचेंगी।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा, “भगवान बदरी विशाल से प्रार्थना करता हूं कि सभी श्रमिक सुरक्षित रहें। राहत और बचाव कार्य तेज किया जा रहा है।”
https://x.com/AmitShah/status/1895411392515354964
मौसम का कहर और आगे की तैयारी
राज्य में शुक्रवार को भारी बारिश और 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सभी हाई-रिस्पांस अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से मार्ग खोलने की अपील की गई है।
रेस्क्यू अभियान तेज कर दिया गया है, लेकिन खराब मौसम के चलते चुनौतियां बनी हुई हैं। प्रशासन और बचाव दल हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि सभी मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकाला जाए।