बता दें कि दोनों दोषियों ने मांग की थी कि जब तक उनकी रिहाई पर गुजरात सरकार फैसला लेती है, तब तक उन्हें अंतरिम जमानत दे दी जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सवाल उठाते हुए सुनवाई से साफ मना कर दिया।
दो दोषियों की याचिका पर विचार करने से SC ने किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों में से दो की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उनकी छूट रद्द करने के 8 जनवरी के फैसले को चुनौती दी गई थी।
पीठ ने कहा, यह याचिका क्या है? यह याचिका कैसे स्वीकार्य है? यह पूरी तरह से गलत है। अनुच्छेद 32 के तहत याचिका कैसे दायर की जा सकती है? हम किसी अन्य पीठ द्वारा पारित आदेश पर अपील नहीं कर सकते। दोषियों राधेश्याम भगवानदास शाह और राजूभाई बाबूलाल सोनी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।
मार्च में दोनों दोषियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दलील दी थी कि उनकी सजा की माफी को रद्द करने वाला 8 जनवरी का फैसला 2002 के संविधान पीठ के आदेश के विपरीत है। उन्होंने इस मुद्दे को अंतिम निर्णय के लिए बड़ी पीठ को सौंपने की मांग की थी।