पौड़ी अस्पताल का ‘टॉर्च ट्रीटमेंट’: सड़क हादसे के घायलों का अंधेरे में हुआ इलाज, स्थानीयों में गुस्सा चरम पर!

photo - geekymint

 

 

 

पौड़ी: जिला अस्पताल पौड़ी एक बार फिर बदइंतजामी की शर्मनाक मिसाल बन गया। बीते दिन हुए दर्दनाक बस हादसे में घायल यात्रियों को जब अस्पताल लाया गया, तो वहां बिजली गुल थी। हालात ये रहे कि डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया।

अस्पताल की लापरवाही ने बढ़ाया गुस्सा
स्थानीय व्यापारी अरविंद रावत और व्यापार सभा के अध्यक्ष विनय शर्मा का कहना है कि पौड़ी अस्पताल की व्यवस्थाएं पहले से ही सवालों के घेरे में हैं। जनरेटर होते हुए भी बिजली का इंतजाम नहीं हो पाया। टॉर्च की रोशनी में इलाज और स्ट्रेचर की कमी ने इस बदहाली को और उजागर कर दिया।

व्यापारियों ने किया बाजार बंद का ऐलान
घटनाक्रम से नाराज व्यापार सभा ने सोमवार को पूरे बाजार को बंद रखने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि जब तक अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, वे आंदोलन जारी रखेंगे।

सीएमओ की सफाई
सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने बिजली न होने का कारण अस्पताल के समीप पेड़ गिरने और जनरेटर में आई तकनीकी खामी बताया। हालांकि, स्थानीय लोग इसे सिर्फ बहाना करार दे रहे हैं।

छह की मौत, 21 घायल
गौरतलब है कि पौड़ी से श्रीनगर जा रही जीएमओयू की बस हादसे का शिकार हो गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 21 लोग घायल हो गए। हादसे के बाद जब मरीज अस्पताल पहुंचे, तो उनकी जान बचाने के लिए मोबाइल की रोशनी का सहारा लेना पड़ा।

क्या सरकारी व्यवस्थाएं ऐसे ही अंधेरे में रहेंगी?
पौड़ी अस्पताल की इस दुर्दशा ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों की जिंदगी के लिए जिम्मेदार हैं? जनता अब जवाब मांग रही है।

 

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