देहरादून। दूनवासियों के लिए नए साल की शुरुआत उम्मीदों से भरी है। लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े करीब 25 करोड़ रुपये के विकास कार्य नए बोर्ड के गठन के साथ धरातल पर उतरने की तैयारी में हैं। आचार संहिता के कारण रुके हुए इन कार्यों को चुनाव प्रक्रिया समाप्त होते ही शुरू करने की योजना है।
सालभर से अधूरे पड़े विकास कार्य
नगर निगम के 100 वार्डों में सड़क, नाली, पुस्ते और पार्क निर्माण जैसे कार्य पिछले एक साल से केवल फाइलों में अटके रहे।
- डुप्लीकेसी की जांच के कारण कार्यों में देरी हुई।
- बजट की कमी के चलते प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावों की दोबारा छंटनी की गई।
- 100 वार्डों में प्रत्येक को पांच लाख रुपये आवंटित किए गए, लेकिन आचार संहिता लागू होने से वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो सके।
अब नए बोर्ड के गठन के बाद पांच-पांच करोड़ रुपये के विकास कार्यों को अमल में लाने की उम्मीद है।
सिटी पार्क और साइकिल ट्रैक: शहर को मिलेगी नई पहचान
- सहस्रधारा रोड स्थित पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर भव्य सिटी पार्क और एंटरटेनमेंट पार्क का निर्माण किया जाएगा।
- तपोवन में साइकिल ट्रैक का निर्माण प्रस्तावित है, जिसकी डीपीआर आचार संहिता हटने के बाद शासन को भेजी जाएगी।
- रोज गार्डन और छोटे-छोटे पार्क विकसित करने की भी योजना है।
- सहस्रधारा रोड पर स्ट्रीट लाइट लगाने और पुराने कूड़े के निस्तारण का कार्य इस साल पूरा करने का लक्ष्य है।
स्वच्छता में मॉडल बनेंगे वार्ड
हर्रावाला और नथुआवाला वार्ड की तर्ज पर अन्य वार्डों में स्वच्छता मॉडल लागू किया जाएगा।
- गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग निस्तारित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जाएगी।
- स्वच्छता पार्क और बागीचा निर्माण की सराहनीय पहल अन्य वार्डों में भी लागू होगी।
कूड़ा प्रबंधन में बड़े कदम
- कारगी और धोरण के कूड़ा ट्रांसफर स्टेशनों को मैकेनाइज्ड सिस्टम से लैस किया जाएगा।
- पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाकर इसे साफ-सुथरा बनाने का लक्ष्य है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि इस साल विकास कार्यों में रफ्तार आएगी। नई योजनाओं की डीपीआर तैयार कर शासन से मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
जनता की उम्मीदों को मिलेगा आधार
नए बोर्ड के गठन के साथ नगर निगम की प्राथमिकता अधूरे विकास कार्यों को पूरा करना और नई योजनाओं पर तेजी से काम करना है। सिटी पार्क, साइकिल ट्रैक और स्वच्छता मॉडल जैसे प्रोजेक्ट दूनवासियों को बेहतर सुविधाएं देने के साथ शहर को एक नई पहचान देंगे।
अब देखना यह है कि दून के 100 वार्डों में विकास की यह गति कितनी तेजी से साकार होती है और किस तरह से नए साल में शहर का स्वरूप बदलेगा।