ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट: सिंधु जल से लेकर परमाणु धमकी तक उठे सवाल

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जेएनएन: भारत की ओर से 7 मई को चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओजेके में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान की सेना और राजनीतिक नेतृत्व में हड़कंप मच गया है। जवाबी हमलों में विफल रहने के बाद अब पाकिस्तानी नेता और अधिकारी बयानबाज़ी की राजनीति पर उतर आए हैं।

सिंधु जल समझौते को लेकर काल्पनिक दावे

पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि यदि भारत सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करता है, तो वह छह नदियों से हाथ धो बैठेगा। उन्होंने अपने इस बयान का आधार यह बताया कि कश्मीर विवादित क्षेत्र है और भविष्य में यदि वह पाकिस्तान में शामिल होता है, तो नदियों पर उनका नैतिक और कानूनी अधिकार होगा।

भारत ने सिंधु जल समझौते को लेकर कोई आधिकारिक उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से यह बयान उसकी बढ़ती जल-चिंता और आंतरिक दबाव को दर्शाता है।

परमाणु धमकी और 1971 की हार का अजीब दावा

पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत पर आरोप लगाया कि वह पानी को हथियार बना रहा है और इससे भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की नौबत आ सकती है। उन्होंने दुनिया को चेताया कि इसका असर वैश्विक स्तर पर होगा। यह बयान विश्लेषकों के अनुसार “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” की रणनीति का हिस्सा है।

वहीं, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने 1971 की हार का बदला ले लिया है। यह बयान ज्यादा राजनीतिक नाटक जैसा लगता है, जिसका उद्देश्य आंतरिक असफलताओं से ध्यान हटाना है।

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