जेएनएन: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंक और उसके सरपरस्तों के खिलाफ एक बड़ा और निर्णायक प्रहार किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान के दुस्साहस पर भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी सटीक और कड़ी रही कि दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमता और उसके अदम्य साहस को सलाम किया।
रक्षा तंत्र में ऐतिहासिक सुदृढ़ीकरण ने बढ़ाई भारत की ताकत
इस निर्णायक सफलता के पीछे भारत का मजबूत और आधुनिक रक्षा तंत्र है। पिछले एक दशक में भारत ने सैन्य आधुनिकीकरण और रणनीतिक सुधारों में बड़े कदम उठाए हैं। रक्षा बजट में ढाई गुना से ज्यादा वृद्धि, उन्नत रक्षा सौदे, निजी क्षेत्र की भागीदारी और स्वदेशी रक्षा उत्पादन ने भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर भरोसेमंद रक्षा निर्यातक बना दिया है।
सैटेलाइट इंटेलिजेंस बनी भारत की सुरक्षा रीढ़
रिपोर्ट्स में यह भी खुलासा हुआ है कि पहलगाम समेत पुलवामा, अनंतनाग, पुंछ, राजौरी और बारामुल्ला जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की हाई-रिजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजिंग की गई है। प्रत्येक इमेज की बेस कीमत 3 लाख रुपये से शुरू होती है, जो गुणवत्ता और डिटेलिंग के आधार पर बढ़ती है। इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार, सैटेलाइट निगरानी अब भारत के खुफिया नेटवर्क की रीढ़ बन चुकी है और हमलों की योजना से जुड़े संभावित सुरागों की जांच के लिए भारत ने मैक्सार से तस्वीरें मांगने की तैयारी कर ली है।
आत्मनिर्भर भारत से सैन्य शक्ति के साथ आर्थिक मजबूती
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के चलते रक्षा क्षेत्र में निजी निवेश, रोजगार और उत्पादन में वृद्धि ने भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है। भारत अब दुनिया के कई देशों को रक्षा उपकरण और तकनीकें निर्यात कर रहा है, जिससे न केवल सुरक्षा तंत्र सशक्त हुआ है, बल्कि भारत का आर्थिक कद भी बढ़ा है।