हेलीकॉप्टर हादसे ने खोली हेलीपैड की पोल: बदरीनाथ में सुरक्षा चूक, अप्रशिक्षित स्टाफ और अव्यवस्था पर डीजीसीए सख्त

 

 

TMP : बदरीनाथ धाम स्थित हेलीपैड पर सोमवार को चार्टर हेलीकॉप्टर के वाहन से टकराने की घटना ने व्यवस्थाओं की खामियों की पोल खोल दी है। शुरुआती जांच में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अप्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की बात सामने आई है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यू-काडा) से विस्तृत जांच की मांग की है।

हादसे के बाद यू-काडा ने तत्काल प्रभाव से हेलीपैड संचालन में बदलाव किए हैं। अब बदरीनाथ हेलीपैड पर एक बार में केवल एक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग होगी और वह अधिकतम 15 मिनट तक ही रुक सकेगा। इससे पहले यहां एक साथ तीन हेलीकॉप्टर उतारे जा रहे थे।

घटना के बाद मंगलवार शाम डीजीसीए के फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर विशाल चौधरी ने तकनीकी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की। इसके बाद थंबी एविएशन की हेली सेवाओं पर अग्रिम आदेश तक पूर्ण रोक लगा दी गई।

हादसे के समय की स्थिति:

  • हादसा उस वक्त हुआ जब थंबी एविएशन का हेलीकॉप्टर केदारनाथ से श्रद्धालुओं को लेकर बदरीनाथ पहुंचा था।

  • टेकऑफ के दौरान हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा पास में खड़ी एक गाड़ी से टकरा गया

  • हेलीकॉप्टर में चार तीर्थयात्री सवार थे, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।

  • उस समय तीन हेलीकॉप्टर हेलीपैड पर मौजूद थे और एक और हेलीकॉप्टर ऊपर लैंडिंग के लिए चक्कर लगा रहा था।

पायलट की बदरीनाथ में थी पहली उड़ान:

दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शिवाज की यह पहली उड़ान थी। बदरीनाथ जैसे संवेदनशील और तेज हवाओं वाले इलाके में पायलट को अनुभव की कमी दुर्घटना की एक प्रमुख वजह मानी जा रही है।

हेलीपैड का पुराना इतिहास भी चिंताजनक:

बदरीनाथ धाम के पास स्थित इस हेलीपैड का निर्माण 2015 में देवदर्शिनी के पास किया गया था। वर्ष 2017 में भी इसी हेलीपैड पर क्रेस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुका है, जिसमें एक इंजीनियर की मौत हुई थी।

इमरजेंसी लैंडिंग की ताज़ा घटना:

मंगलवार को ही हिमालयन हेली कंपनी का एक हेलीकॉप्टर बदरीनाथ से केदारनाथ जाते समय खराब मौसम के कारण ऊखीमठ में इमरजेंसी लैंडिंग के लिए मजबूर हुआ। एक घंटे बाद मौसम सुधरने पर उड़ान फिर से शुरू हो सकी।

यू-काडा की सीईओ सोनिका ने स्पष्ट किया:

“अब बदरीनाथ हेलीपैड पर एक बार में केवल एक हेलीकॉप्टर उतरेगा और अधिकतम 15 मिनट तक रुकेगा। प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं।”

 

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