देहरादून: उत्तराखंड की शांत वादियों से उठी एक सख्त और स्पष्ट आवाज़ ने पूरे देश को चौंका दिया है – “अपराधी कहीं भी छिपा हो, उत्तराखंड पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी।” मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चला ‘ऑपरेशन प्रहार’ अब केवल एक राज्यीय अभियान नहीं, बल्कि साइबर क्राइम के खिलाफ एक राष्ट्रीय मिशन बन चुका है।
देशभर में 17 राज्यों में एक साथ कार्रवाई:
देश के इतिहास में पहली बार, किसी राज्य पुलिस की अगुवाई में 17 राज्यों में एक साथ बड़ी साइबर रेड की गई। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख राज्यों में 290 से अधिक साइबर अपराधियों पर कर्रवाई की गई — यह उत्तराखंड पुलिस की रणनीतिक तैयारी, तकनीकी क्षमता और एकजुट समन्वय का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री धामी की स्पष्ट चेतावनी का असर:
उत्तराखंड में साइबर हमलों की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री धामी ने सख्त निर्देश दिए थे –
“साइबर अपराधियों के लिए उत्तराखंड अब सुरक्षित पनाहगाह नहीं है।”
इसके बाद राज्य में साइबर थानों का पुनर्गठन, तकनीकी अपग्रेडेशन, और इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत किया गया।
उत्तराखंड बना मॉडल स्टेट:
‘ऑपरेशन प्रहार’ ने यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड अब केवल पर्यटन और तीर्थाटन का राज्य नहीं, बल्कि साइबर अपराध से निपटने का एक राष्ट्रीय मॉडल भी है। इस अभियान ने न सिर्फ अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ा, बल्कि यह भी दिखाया कि उत्तराखंड की पुलिस सिर्फ रक्षक नहीं, अब रणनीतिक योद्धा भी है।
राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की पहचान मजबूत:
इस अभूतपूर्व कार्रवाई ने उत्तराखंड पुलिस की दक्षता को राष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया है और मुख्यमंत्री धामी के गुड गवर्नेंस मॉडल को एक बार फिर प्रमाणित किया है — जो केवल घोषणाओं में नहीं, निर्णयों और परिणामों में भी प्रतिबिंबित होता है।
‘ऑपरेशन प्रहार’ केवल एक पुलिस कार्रवाई नहीं, यह उस **नई उत्तराखंड की तस्वीर है जो तकनीक, सतर्कता और संकल्प के साथ न केवल अपने राज्य की सुरक्षा कर रही है, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन रही है। उत्तराखंड ने बता दिया है — अब अपराधी कहीं भी छिपे होंगे, पर सुरक्षित कहीं नहीं होंगे!