TMP: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश कर दिया, जिसे विस्तृत समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय प्रवर समिति को भेजा गया है। यह नया बिल 1961 के मौजूदा इनकम टैक्स कानून की जगह लेगा, जिसमें अब तक 4000 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं।
बिल से जुड़े 5 बड़े बदलाव जो हर करदाता को जानने चाहिए
नए बिल की जरूरत क्यों पड़ी?
- पुराने इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 में बार-बार संशोधन के चलते यह जटिल हो गया था।
- नया बिल विवादों को कम करेगा और टैक्स प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगा।
बिल तैयार करने में कितना वक्त लगा?
- 150 अफसरों की टीम ने 60,000 घंटे की मेहनत से इस बिल को तैयार किया।
- सरकार को इसके लिए 20,976 ऑनलाइन सुझाव मिले।
आईटीआर फाइलिंग होगी आसान
- अब सभी वेतन संबंधी प्रावधान एक ही अध्याय में होंगे।
- ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट, पेंशन कम्प्यूटेशन जैसी छूटें एक ही सेक्शन में आ जाएंगी।
- टैक्सपेयर्स को अब अलग-अलग अध्यायों को खंगालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
टीडीएस और टीसीएस को लेकर क्या बदलाव?
- अब टीडीएस और टीसीएस के नियम आसान किए गए हैं।
- आयकर विभाग की वेबसाइट पर सेक्शन-वाइज गाइडेंस उपलब्ध होगी, जिससे करदाताओं को सहूलियत मिलेगी।
नए और पुराने कानून में कितना अंतर?
- 1961 अधिनियम: 1647 पेज और 819 धाराएं
- नया बिल: सिर्फ 622 पेज और 536 धाराएं
- यह बिल ज्यादा संक्षिप्त, स्पष्ट और डिजिटल फ्रेंडली होगा।
अगला कदम क्या?
प्रवर समिति को इस बिल पर संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था करदाताओं के लिए अधिक पारदर्शी और सहज होगी।
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