एएनआई। भारत में 2030 तक उत्पादित बिजली का 18 प्रतिशत हिस्सा सौर स्त्रोतों से आएगा। यह आज के छह प्रतिशत से अधिक होगा। यह भविष्यवाणी अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने की है।
दुनिया की आधी बिजली प्रदान करेगी नवीकरणीय ऊर्जा
IEA के मंगलवार को प्रकाशित वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2023 ने संकेत दिया है कि सौर, पवन, इलेक्ट्रिक कारों और ताप पंपों जैसी स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की अभूतपूर्व वृद्धि के कारण नवीकरणीय ऊर्जा 2030 तक दुनिया की आधी बिजली प्रदान करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क पर 2030 तक लगभग 10 गुना इलेक्ट्रिक कारें होंगी। हालांकि, चेतावनी भी दी गई है कि उत्सर्जन अभी भी इतना अधिक है कि तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस की महत्वपूर्ण सीमा से ऊपर बढ़ने से रोका नहीं जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में 2030 तक 18 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से पैदा होगी, जोकि आज के छह प्रतिशत से अधिक है।
70 हजार मेगावाट का आंकड़ा पार
दरअसल, भारत ने 2030 तक लगभग 270 गीगावाट सौर क्षमता समेत गैर-जीवश्म ईंधन से 500 गीगावाट स्थापित क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र ने अगस्त में कहा था कि सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता अब 70 हजार मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई है।
कई देशों की नीतियों का जिक्र
रिपोर्ट में कई देशों के द्वारा अपनाई गई नीतियों का जिक्र किया गया है। यह नीतियां स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण को प्रोत्साहित करती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घोषित नीतिगत परिदृश्य (STEPS) में दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका से आगे भारत दुनिया में ऊर्जा मांग वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत है।