TMP: उत्तराखंड ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में अपने अब तक के सबसे शानदार प्रदर्शन से पूरे देश को चौंका दिया। छोटे राज्य की बड़ी उपलब्धि ने पदक तालिका में छलांग लगाई, जबकि पहली बार ‘ग्रीन गेम्स’ थीम पर आयोजित यह टूर्नामेंट खेलों के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे गया।
पदकों का सैकड़ा: उत्तराखंड ने रचा इतिहास
अब तक राष्ट्रीय खेलों में औसत प्रदर्शन करने वाले उत्तराखंड ने इस बार पदकों की झड़ी लगा दी। 103 पदकों के साथ सातवें स्थान पर पहुंचकर, उत्तराखंड ने पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया। खास बात यह रही कि राज्य ने 24 स्वर्ण पदक जीते, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
छोटे राज्य, बड़ा कमाल!
उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए केवल साढ़े तीन महीने मिले, लेकिन राज्य ने सीमित समय में शानदार बुनियादी ढांचा तैयार कर दिखाया कि वह खेल महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। हिमालयी राज्यों में मणिपुर और असम के बाद राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने वाला उत्तराखंड तीसरा राज्य बन गया।
‘ग्रीन गेम्स’ से मिली नई पहचान
इस बार खेलों को ‘पर्यावरण हितैषी’ बनाने पर जोर दिया गया। रायपुर में ‘खेल वन’ विकसित किया गया, जहां पदक विजेताओं के नाम पर 1600 पौधे लगाए गए। सभी पदक और आमंत्रण पत्र ई-वेस्ट से तैयार किए गए, शुभंकर के रूप में राज्य पक्षी मोनाल को अपनाया गया और आयोजन स्थलों पर ई-रिक्शा व साइकिल जैसी हरित पहलें अपनाई गईं।
धामी सरकार की बड़ी परीक्षा, सफल आयोजन से बढ़ा कद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सधी हुई रणनीति के साथ खेलों का सफल आयोजन किया। नौ शहरों में फैले आयोजन स्थलों पर खेल सुविधाएं जुटाने की चुनौती के बावजूद, हर स्तर पर बेहतरीन व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। खुद मुख्यमंत्री धामी आयोजन के दौरान लगातार ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहे, जिससे खिलाड़ियों और अधिकारियों का मनोबल बढ़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी को देहरादून में खेलों का उद्घाटन किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने 14 फरवरी को हल्द्वानी में समापन समारोह की शोभा बढ़ाई।
10,000 से अधिक खिलाड़ियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
नतीजा: खेल महाशक्ति बनने की ओर बढ़ा उत्तराखंड!
38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन और ऐतिहासिक प्रदर्शन ने उत्तराखंड को देश के खेल नक्शे पर नई ऊंचाई दी है। अब यह राज्य सिर्फ पर्यटन और आध्यात्म ही नहीं, बल्कि खेलों में भी अपनी दमदार पहचान बना चुका है।