गांवों तक पहुंचेगी कचरा प्रबंधन की सुविधा
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब राज्य के हर गांव में घर-घर से कूड़ा उठाने और उसके व्यवस्थित प्रबंधन की योजना लागू की जाएगी। फिलहाल, 9,000 गांवों में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि 7,674 गांवों में अगले छह महीनों में कचरा प्रबंधन शुरू किया जाएगा। धामी ने इस पहल को ग्रामीण स्वच्छता की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि राज्य के 95 विकासखंडों में जल्द ही यह योजना पूरी तरह से लागू हो जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा प्रबंधन की चुनौती
हालांकि, उत्तराखंड को खुले में शौच मुक्त राज्य बनने का गौरव हासिल हुए सात साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा प्रबंधन की समस्या बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा उठाने की सुविधा के अभाव में लोग कचरा सड़कों के किनारे या खाली प्लॉट्स में फेंकते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य में 24 घंटे का शिकायत कंट्रोल रूम भी शुरू किया गया है।
स्वच्छता में तेजी से बढ़ता उत्तराखंड
सीएम धामी ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में उत्तराखंड ने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य ने 5.37 लाख परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण पूरा किया है और 2,600 से अधिक शौचालय कॉम्प्लेक्स भी बनाए हैं। इसके साथ ही, 77 विकासखंडों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की इकाइयां स्थापित की गई हैं।
इस साल, सरकार ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ के सिद्धांत पर काम कर रही है, जिसमें न केवल शहरों बल्कि गांवों में भी कचरा प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। मार्च 2025 तक, उत्तराखंड के हर गांव में स्वच्छता की अलख जगाने का संकल्प राज्य को स्वच्छता के एक नए युग की ओर ले जा रहा है।