– उत्तराखंड तैयार: राष्ट्रीय खेलों की सुरक्षा होगी ‘ट्रूटाइट’!
देहरादून : उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों, आयोजन समितियों और ईवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों के साथ सुरक्षा से जुड़े हर पहलू की गहन समीक्षा की गई। इस बैठक में खेलों को त्रुटिरहित और ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया गया।
खिलाड़ियों की सुरक्षा बनेगी प्राथमिकता
- साये की तरह सुरक्षा: खिलाड़ियों के ठहरने के स्थानों, मार्गों और आयोजन स्थलों पर पुलिस की चौकस निगरानी होगी।
- सीसीटीवी से लैस नियंत्रण कक्ष: खिलाड़ियों और आयोजन स्थलों पर हर गतिविधि की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं।
- महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा: महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
10 हजार पुलिसकर्मी तैनात, हर मोर्चे पर निगरानी
राष्ट्रीय खेलों में 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। ईवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों जैसे दीपाली डिज़ाइन, ग्रांट थॉर्नटन, और थॉमस कुक के साथ समन्वय कर सुरक्षा, यातायात, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जाएगा।
हर कोने में फुलप्रूफ प्लानिंग:
- रूट मैनेजमेंट: ट्रैफिक प्लान, एंट्री-एग्जिट मार्ग, और पार्किंग की मॉनिटरिंग पुलिस महानिरीक्षक द्वारा की जाएगी।
- फायर सेफ्टी: सभी आयोजन स्थलों पर फायर सेफ्टी के लिए मोटर फायर इंजन और अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थलों तक सुरक्षा: एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और खिलाड़ियों के ठहरने वाले स्थानों की सुरक्षा मानकों पर खास ध्यान रहेगा।
- कंटिजेंसी और इवैक्यूएशन प्लान: इमरजेंसी स्थितियों के लिए कंटिजेंसी प्लान का अभ्यास और अधिकारियों को ब्रीफिंग दी गई है।
एन्टी सबोटाज और 24×7 बीडीएस टीमें अलर्ट
आतंकवाद और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं से निपटने के लिए एन्टी सबोटाज और BDS (बम निरोधक दस्ता) की टीमें हर समय मुस्तैद रहेंगी।
हर विभाग के साथ समन्वय:
पेयजल, बिजली, PWD, फायर, और SDRF सहित सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आयोजन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग करें।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ बोले:
“38वें राष्ट्रीय खेल न केवल प्रदेश की सुरक्षा की परीक्षा हैं, बल्कि उत्तराखंड की क्षमता और सौंदर्य को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर भी। हमारी तैयारी पूरी है और आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”
उत्तराखंड के लिए गर्व का मौका:
राष्ट्रीय खेल न केवल खेल प्रेमियों का दिल जीतने का अवसर हैं, बल्कि उत्तराखंड की व्यवस्थागत कुशलता और सौंदर्य को देशभर में चमकाने का मौका भी। खिलाड़ियों और मेहमानों के लिए सुरक्षा और सेवा की यह मिसाल प्रदेश को नई पहचान देगी।