एजेंसी। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद समेत लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए लगातार मीटिंग हो रही हैं। इस बीच भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए चर्चा जारी रखी है।
लंबित मुद्दों को हल करने के लिए मैराथन चर्चा
दरअसल,भारत और चीन की सेनाओं के बीच डेमचोक और डेपसांग में लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए मैराथन चर्चा हो रही है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए दौलत बेग ओल्डी और चुशुल में मेजर जनरल स्तर की वार्ता लंबित मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से शुक्रवार सुबह से जारी है।
बता दें कि दोनों पक्षों ने 2020 में चीनी आक्रमण के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए अब तक 19 दौर की वार्ता की है। कोर कमांडर स्तर की वार्ता में चर्चा के बाद भारतीय सेना और उनके चीनी समकक्ष मेजर जनरल स्तर की मीटिंग कर रहे हैं।
मेजर जनरल पीके मिश्रा और हरिहरन कर रहे प्रतिनिधित्व
भारतीय पक्षों का प्रतिनिधित्व दो अलग-अलग स्थानों पर त्रिशूल डिवीजन कमांडर मेजर जनरल पीके मिश्रा और यूनिफॉर्म फोर्स कमांडर मेजर जनरल हरिहरन द्वारा किया जा रहा है। बताते चलें कि ये वार्ता 13 और 14 अगस्त को चुशुल मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर दोनों पक्षों के बीच आयोजित कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 19वें दौर के नतीजे पर आधारित है।
इन बिंदुओं पर चर्चा कर रहे हैं दोनों पक्ष
भारत और चीनी पक्ष डेपसांग मैदानों में गश्त फिर से शुरू करने और सीएनएन जंक्शन पर चीनी सैन्य मौजूदगी के मुद्दे सहित विरासत के मुद्दों को हल करने के बिंदुओं पर चर्चा कर रहे हैं। भारत और चीन के बीच पिछले तीन सालों से गतिरोध की स्थिति है और सीमाओं पर तनाव के कारण संबंध भी खराब हुए हैं।
50,000 से अधिक सैनिकों की हुई तैनाती
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ व्यापक बातचीत की थी और उसके बाद चार महीने के अंतराल के बाद केवल 19वें दौर की कोर कमांडर वार्ता हुई थी।