केंद्र सरकार ड्रोनों के लिए राज्य सरकारों को नहीं देगी अतिरिक्त फंड
हालांकि,केंद्र सरकार इन ड्रोनों के लिए राज्य सरकारों को अतिरिक्त फंड नहीं देगी, बल्कि राज्यों को मनरेगा के लिए दी जाने वाली राशि में से आकस्मिक खर्च के लिए होने वाले आवंटन से ही ड्रोन के लिए राशि तय की जाएगी। ग्रामीण मंत्रालय ने कहा कि मनरेगा में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं। इनमें मजदूरों के स्थान पर मशीनों का इस्तेमाल किया जाना और बिना काम किए कुछ लोगों को वेतन मिलना शामिल हैं। ऐसे मामलों में ड्रोन सुबूत जुटाने में मददगार होंगे।
SOP वाले परिपत्र में कहा
वहीं, ड्रोन का इस्तेमाल लोकपाल करेगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में एक लोकपाल तैनात किया जाएग, जो स्वत: संज्ञान लेकर शिकायतों को दर्ज करके उन्हें 30 दिनों के भीतर निपटाएगा। मंत्रालय ने अपने एसओपी में निर्देश दिया है कि इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन में उच्च गुणवत्ता वाला कैमरा होना चाहिए। आंशिक रूप से तेज हवाओं से बचने का भी सुझाव दिया गया है।
ड्रोन को कम से कम 30 मिनट तक हवा में रहने में सक्षम होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि ड्रोन के माध्यम से लिए गए सभी वीडियो और तस्वीरों को आनलाइन प्रणाली ‘नरेगा साफ्ट’ के साथ साझा किया जाना चाहिए। तुलनात्मक अध्ययन के लिए डेटा का संग्रह किया जाना चाहिए।
PM मोदी ने ड्रोन संचालन पर दिया था जोर
77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण विकास में विज्ञान और तकनीक के उपयोग पर जोर दिया था। पीएम ने कहा कि 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन के संचालन और मरम्मत के लिए ऋण और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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