देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकलरोधी कानून ने राज्य के प्रतिभावान युवाओं की उम्मीदों को नया आसमान दिया है। हाल ही में जारी पीसीएस परीक्षा परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों ने इस कानून की सराहना करते हुए कहा कि इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है और योग्य अभ्यर्थियों के चयन की गारंटी सुनिश्चित हुई है।
सख्त नकलरोधी कानून के चलते नकल माफिया का नेटवर्क ध्वस्त हो गया है, जिससे परीक्षाएं निष्पक्षता के साथ हो रही हैं। हाल ही में पीसीएस परीक्षा के परिणामों में 10 डिप्टी कलेक्टर, 10 डीएसपी समेत कुल 289 अधिकारियों का चयन हुआ। होनहार अभ्यर्थियों का कहना है कि यह कानून उनकी मेहनत को सही मायने में पहचान दिलाने वाला साबित हुआ है।
धामी सरकार के कार्यकाल में 16,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है। नकलरोधी कानून न केवल राज्य में बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन चुका है।
तीन साल में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी
राज्य सरकारी विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने का अभियान जोरों पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने तीन साल के कार्यकाल में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 16 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का रिकॉर्ड बनाया है। यही नहीं नियुक्ति समय पर देने का कीर्तिमान भी धामी सरकार के नाम है। रोजगार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में रहा है। निजी क्षेत्र में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ ही सरकारी पदों को भरने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
80 से अधिक आरोपी सलाखों के पीछे
राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर धामी सरकार ने नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त किया है। कानून के तहत 80 से अधिक आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। इसमें बड़े से बड़े अधिकारी और राजनीतिक पहुंच वालों को भी बख्शा नहीं गया है।
कड़ी से कड़ी सजा का है प्रावधान
बता दें कि इस कानून के तहत नकल माफिया को उम्र कैद या फिर 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले नकल माफिया के खिलाफ 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। एक्ट में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई छात्र भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करते हुए पकड़ा जाता है या फिर नकल के जरिए परीक्षा पास करता है तो उस पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
पीसीएस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के कोट
मैं वर्तमान में अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं।मेरा वित्त अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। मैं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनकी पहल पर नकल विरोधी कानून लाया गया। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ी है। अभ्यर्थियों में चयन प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ने के साथ ही आगे परिश्रम करने के लिए उनके मनोबल में वृद्धि हुई है।
-आयुषी जोशी, अल्मोड़ा
मेरा चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। मैं बीटेक की छात्रा रही हूं। मैं मुख्यमंत्री जी और उनकी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहूंगी, जो सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आए। इस कानून के लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। परीक्षा की तैयारी में जुटे सभी अभ्यर्थियों को निश्चिंत होकर मेहनत के साथ पढ़ाई में जुट जाना चाहिए।
-दीप्ति कैड़ा, देहरादून
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