गंगोत्री धाम में गूंजा ‘गंगा मैया’ का जयकारा, हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा दशहरा पर लगाई आस्था की डुबकी

 

 

उत्तरकाशी : उत्तराखंड के पवित्र गंगोत्री धाम में गंगा दशहरा का पर्व मंगलवार को श्रद्धा और भक्ति के रंग में पूरी भव्यता के साथ मनाया गया। सुबह चार बजे से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया, जो दिनभर चलता रहा। गंगा स्नान और पुण्य अर्जन की लालसा लिए हजारों श्रद्धालु गंगोत्री पहुंचे और इस पावन अवसर पर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

गंगा दशहरा, जो हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है, का धार्मिक रूप से अत्यंत महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में शुद्धता का संचार होता है।

पर्व की शोभा तब और बढ़ गई जब बाड़ागद्दी हरि महाराज, बरसाली के नागराजा देवता की नव निर्मित पालकी के साथ गंगा घाट पहुंचे। इन सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। भगीरथ महाराज की शीला को पालकी में बिठाकर गंगा स्नान कराया गया और हवन-पूजन के विशेष अनुष्ठान भी संपन्न हुए, जिनमें हज़ारों श्रद्धालु साक्षी बने।

स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में इस पर्व में सम्मिलित हुए और गंगोत्री धाम में मां गंगा के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। पूरे क्षेत्र में भक्ति और पवित्रता का माहौल बना रहा।

मुख्य आकर्षण:

  • भोर से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़

  • नव निर्मित पालकी के साथ नागराजा देवता और हरि महाराज की पूजा

  • भगीरथ महाराज की प्रतीकात्मक उपस्थिति में स्नान और हवन

  • गंगोत्री धाम में जनसैलाब, चारों ओर ‘हर हर गंगे’ की गूंज

गंगा दशहरा का यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति, संस्कृति और आस्था का संगम है। गंगोत्री धाम में यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं को अध्यात्म से जोड़ता है, बल्कि मां गंगा के प्रति लोगों की अनन्य श्रद्धा को भी अभिव्यक्त करता है।

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