कृषि संवाद के लिए मसूरी आएंगे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, किसानों से होंगे रूबरू – मंत्री गणेश जोशी ने दी जानकारी

 

 

देहरादून/मसूरी:  उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र की प्रगति और किसानों की समस्याओं पर सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आगामी 6 जून को मसूरी पहुंचेंगे। यह जानकारी राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री किसानों से सीधे संवाद कर उनकी जरूरतों और सुझावों को समझेंगे।

गणेश जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले हैं, जिनका प्रभाव उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

उत्तराखंड की कृषि में केंद्र की योजनाओं का प्रभाव

राज्य के कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और परंपरागत कृषि विकास योजना जैसे कार्यक्रमों ने न केवल किसानों को आर्थिक संबल प्रदान किया, बल्कि सिंचाई की सुविधा और जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया है।

राज्य सरकार की पहल – मधुग्राम योजना और मिलेट नीति

गणेश जोशी ने बताया कि मधुग्राम योजना के तहत युवाओं को मधुमक्खी पालन जैसे स्वरोजगार से जोड़ने की पहल की गई है, जिससे रोजगार के नए अवसर तैयार हो रहे हैं। साथ ही, राज्य सरकार की मिलेट नीति 2025–26 पर्वतीय क्षेत्रों में मोटे अनाज की खेती को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

लक्ष्य – किसानों की आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना

मंत्री जोशी ने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाकर किसानों की आय को दोगुना करना और राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में केंद्र और राज्य की संयुक्त पहल से उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आया है।

कृषि मंत्री का मसूरी दौरा – एक महत्वपूर्ण अवसर

6 जून को मसूरी में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा न सिर्फ किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर होगा, बल्कि यह राज्य के कृषि विकास के भविष्य को नई दिशा देने वाला कदम भी साबित हो सकता है। कृषि संवाद कार्यक्रम के माध्यम से नीतियों के क्रियान्वयन और किसानों की जमीनी समस्याओं को लेकर केंद्र-राज्य के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा। इससे आने वाले समय में उत्तराखंड की कृषि को नई गति और मजबूती मिलना तय है।

 
 
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