देहरादून में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से की सीधी बात, तकनीक से जोड़ने पर दिया ज़ोर

 

 

देहरादून : देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित हिमालयन सांस्कृतिक सेंटर में मंगलवार को एक खास अवसर पर खेतों की बात, किसानों के साथ हुई। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और किसानों से सीधा संवाद किया।

कार्यक्रम में किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए कृषि वैज्ञानिक भी मौजूद रहे, जिन्होंने न केवल उनकी चुनौतियों को समझा, बल्कि उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों और पशुपालन के आधुनिक उपायों से भी अवगत कराया।

अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “देश के डेढ़ करोड़ किसानों से सीधा संवाद कर उनकी खेती को लाभकारी बनाना हमारा संकल्प है। विकसित कृषि संकल्प अभियान इसी दिशा में एक निर्णायक पहल है।” यह अभियान 29 मई से 12 जून तक पूरे देश में चलाया जा रहा है।

मंत्री ने विशेष रूप से उत्तराखंड के फल और मोटे अनाजों, जैसे काफल और मंडुवा (कोदे) का ज़िक्र करते हुए कहा कि इनकी देश और विदेश में बढ़ती मांग राज्य के किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है। उन्होंने कहा कि उनका खुद का परिवार कोदे का उपयोग करता है और यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।

इस मौके पर पंतनगर विश्वविद्यालय की भूमिका भी प्रमुख रही। कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि विश्वविद्यालय की 11 टीमें राज्यभर में 75 कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों से जुड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे शोधों का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा और यह कृषि व पशुपालन में नई क्रांति लाएगा।

देहरादून में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल किसानों की आवाज़ को मंच देने का माध्यम बना, बल्कि कृषि के भविष्य को लेकर एक सशक्त संवाद भी साबित हुआ। केंद्र और राज्य के साझा प्रयासों से कृषि क्षेत्र में बदलाव की बयार स्पष्ट दिखने लगी है — तकनीक, परंपरा और सरकार की सहभागिता के साथ।

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