नई दिल्ली। गूगल ने अपने मैप्स प्लेटफॉर्म पर एआई-पावर्ड ‘एयर व्यू प्लस’ फीचर लॉन्च किया है, जो देशभर के उपयोगकर्ताओं को उनके आसपास की वायु गुणवत्ता की रियल-टाइम जानकारी देगा। यह फीचर स्थानीय स्तर पर प्रदूषण का सही आंकलन कर उपयोगकर्ताओं और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने में मदद करेगा। खासतौर पर ऐसे समय में जब दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, यह तकनीक बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
कैसे बदलेगी यह तकनीक हवा की तस्वीर?
गूगल ने क्लाइमेट टेक फर्म आराश्योर और रेस्पायरर लिविंग साइंसेज के साथ मिलकर 150 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता सेंसर लगाए हैं। ये सेंसर पीएम2.5, पीएम10, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, ओजोन, और अन्य हानिकारक कणों की जानकारी हर मिनट मापते हैं। इस डाटा को सत्यापित करने में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, और राज्य प्रदूषण बोर्ड जैसे संस्थानों की मदद ली जा रही है।
रियल-टाइम वायु गुणवत्ता अब सिर्फ एक क्लिक दूर
गूगल मैप्स में रियल-टाइम AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) देखने के लिए कलर-कोड सिस्टम लागू किया गया है:
- हरा: अच्छा (0-50)
- पीला: संतोषजनक (51-100)
- नारंगी: मध्यम (101-200)
- लाल: खराब (201-300)
- गहरा लाल: बहुत खराब (301-400)
- बैंगनी: गंभीर (401-500)
यह सुविधा वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों पर उपलब्ध है।
स्मार्ट समाधान, बेहतर भविष्य
गूगल की यह पहल न केवल नागरिकों को सशक्त बनाएगी बल्कि सरकारी योजनाकारों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सही कदम उठाने में मदद करेगी। प्रदूषण पर नज़र रखने की यह तकनीक देशभर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने का एक अहम साधन बनेगी।