देहरादून: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (RIMC) के कैडेट्स को संबोधित करते हुए उन्हें ताकत और ज्ञान के संयोजन से जीवन की बड़ी लड़ाई में जीत हासिल करने की प्रेरणा दी। उन्होंने राष्ट्र के हित को सर्वोपरि रखते हुए गर्व और निर्भीकता के साथ देश की सेवा करने का आह्वान किया।
धनखड़ ने RIMC के पूर्व छात्रों से आग्रह किया कि वे एक थिंक टैंक के रूप में काम करें और युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ऐतिहासिक भाषण की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, “पृथ्वी बहादुरों और आत्मा में ताकत रखने वालों की होती है, आलसी और अक्षम लोगों की नहीं।”
उन्होंने चंद्रयान मिशन की सफलता का उदाहरण देकर कैडेट्स को असफलता से न डरने की सीख दी और कहा कि “विफलता सफलता की ओर एक कदम है।” उपराष्ट्रपति ने RIMC और सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती की सराहना की और इसे लिंग समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, RIMC के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल, कैडेट्स और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल थे।