संभल जामा मस्जिद विवाद में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सर्वे पर रोक से इनकार, हिंदू पक्ष को राहत

photo - aajtak

 

 

 

इलाहाबाद:  संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे संवेदनशील कानूनी विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने मस्जिद परिसर में हुए सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे निचली अदालत के आदेश को पूर्ण रूप से वैध ठहराया गया है।

हाईकोर्ट ने साफ कहा कि 19 नवंबर को निचली अदालत द्वारा दिया गया आदेश न तो प्रक्रिया में त्रुटिपूर्ण है और न ही कानून के विरुद्ध। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुकदमा ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991’ के दायरे में आने से वंचित नहीं है, यानी इस आधार पर इसे खारिज नहीं किया जा सकता।

मुस्लिम पक्ष की आपत्ति हुई खारिज

मस्जिद कमेटी की इस दलील को भी अदालत ने अस्वीकार कर दिया कि उन्हें सर्वे के आदेश की जानकारी नहीं दी गई थी। हाईकोर्ट ने माना कि प्रारंभिक दृष्टि से हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई योग्य है और मामले की सुनवाई कानून के अनुसार की जा सकती है।

दो चरणों में हुआ था सर्वे

गौरतलब है कि 19 और 24 नवंबर को एडवोकेट कमिश्नर की निगरानी में मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण दो चरणों में हुआ था। सर्वे रिपोर्ट पहले ही निचली अदालत में प्रस्तुत की जा चुकी है।

अब क्या होगा आगे?

इस निर्णय के बाद मुकदमे की सुनवाई निचली अदालत में जारी रहेगी और सर्वे रिपोर्ट को साक्ष्य के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। इससे केस को लेकर आगे की कार्यवाही को नया आधार मिल सकता है।

हाईकोर्ट का यह निर्णय हिंदू पक्ष के लिए कानूनी मजबूती प्रदान करता है, जबकि मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका माना जा रहा है। इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि धार्मिक स्थलों से जुड़े मामलों में केवल आस्था नहीं, कानूनी प्रक्रिया और ऐतिहासिक तथ्यों का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है।

अब सबकी नजरें निचली अदालत की आगामी कार्यवाही और सर्वे रिपोर्ट पर टिक गई हैं, जो इस विवाद की अगली दिशा तय करेगी।

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