पीटीआई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने कूटनीतिक स्तर पर बड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान के खुले समर्थन पर तुर्किए को अब एक-एक करके भारत में अपने सारे कारोबारी और शैक्षणिक अवसर गंवाने पड़ रहे हैं। अब देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान IIT बॉम्बे ने भी तुर्किए के साथ अपने सभी शैक्षणिक समझौते रद्द कर दिए हैं।
IIT बॉम्बे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी एक आधिकारिक पोस्ट में लिखा है, “वर्तमान में तुर्किए के साथ जो भूराजनीतिक परिस्थितियां बनी हैं, उन्हें देखते हुए IIT बॉम्बे ने तुर्किए के विश्वविद्यालयों के साथ किए गए सारे समझौते रद्द कर दिए हैं। अगला आदेश आने तक यह फैसला प्रभावी रहेगा।”
https://x.com/iitbombay/status/1923784139377082758
बताया जा रहा है कि यह निर्णय विशेष रूप से उस स्थिति के जवाब में लिया गया है, जब तुर्किए ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था।
शैक्षणिक साझेदारी पर लगा ब्रेक
IIT बॉम्बे और तुर्किए की यूनिवर्सिटी के बीच फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम सहित कई शैक्षणिक योजनाएं चलाई जा रही थीं। लेकिन हालिया घटनाक्रमों के चलते इन सभी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है।
अन्य संस्थान भी कर चुके हैं करार रद्द
IIT बॉम्बे से पहले IIT रुड़की, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जामिया मिलिया इस्लामिया, और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भी तुर्किए और अजरबैजान के विश्वविद्यालयों के साथ अपने सभी समझौते खत्म कर चुके हैं।
यह कदम साफ संकेत देता है कि भारत अब उन देशों के साथ किसी भी स्तर की साझेदारी को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है, जो उसकी सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ खड़े नजर आते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक रणनीति साफ है – जो देश पाकिस्तान जैसे राष्ट्रों के साथ खड़े होंगे, उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों की कीमत चुकानी होगी। IIT बॉम्बे का यह फैसला सिर्फ एक शैक्षणिक कदम नहीं, बल्कि एक सख्त संदेश भी है।