बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना का आगाज, सिंचाई और पेयजल में होगा क्रांतिकारी सुधार

 

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना का कार्य जल्द ही आरंभ होने जा रहा है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हल्द्वानी कैंप कार्यालय में राजस्व और बांध अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल की स्थिति में बड़ा सुधार होगा, जिससे स्थानीय लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

सिंचाई और पेयजल की क्रांतिकारी योजना

इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दो-दो जिलों के 57,065 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यूपी के रामपुर और बरेली जिलों में 47,607 हेक्टेयर और उत्तराखंड के नैनीताल व उधम सिंह नगर में 9,458 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का पानी मिलेगा। हल्द्वानी शहर को 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है, जो 2051 तक अनुमानित 10.65 लाख जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

बांध निर्माण की रूपरेखा:

परियोजना के पहले चरण का कार्य 15 सितंबर से शुरू किया जाएगा और लगभग 3,700 करोड़ रुपये की लागत से इसे 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है। प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए उधम सिंह नगर के पराग फॉर्म में एक टाउनशिप तैयार की जा रही है, जहां उन्हें बसाया जाएगा। सबसे पहले बांध के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण किया जाएगा और बरसाती सीजन में गोला नदी के जल निकासी के लिए दो ऑफर डैम और एक टनल बनाई जाएगी।

प्रभावित गांव और मुआवजा वितरण

इस परियोजना के डूब क्षेत्र में 6 गांवों की 49.71 हेक्टेयर निजी भूमि जलमग्न होगी और 1,267 परिवार प्रभावित होंगे, जिनका विस्थापन किया जाएगा। प्रभावितों को सोमवार से मुआवजा वितरित करने की योजना है।

आपको बता दें कि जमरानी बांध परियोजना के साथ, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई जिलों को सिंचाई और पेयजल की अत्याधुनिक सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना क्षेत्रीय विकास और जनकल्याण के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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