देश में बांधों की सुरक्षा को नई दृष्टि देने के लिए 14 और 15 सितंबर को जयपुर में एक अहम सम्मेलन सितम्बर महीने में जयपुर में होने जा रहा है | इस सम्मेलन के अंतर्गत बांधों के रखरखाव के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाने के सम्बन्ध में चर्चा की जाएगी | आपको बता दें कि इस सम्मेलन में दुनिया के प्रमुख बांध विशेषज्ञ शामिल होंगे।
आपको बता दें कि हमारे देश में लगभग 25 % से ज्यादा बांध 100 साल पुराने हैं | जिनकी सुरक्षा तथा रखरखाव को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। दरअसल वर्ष 2021 में बांध सुरक्षा को लेकर नया कानून बनाया गया था | जिसके बनने के बाद से यह बांध सुरक्षा को लेकर पहला बड़ा वैश्विक सम्मेलन है, जो बांध विशेषज्ञों के साथ निजी क्षेत्र को भी नई चुनौतियों को समझने में मदद देगा।
जलशक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार विभाग के सचिव पंकज कुमार के अनुसार, इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में लगभग 15 देशों के बांध विशेषज्ञ भाग लेंगे। इसे राजस्थान जल आयोग, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण, एमएनआईटी जयपुर, विश्व बैंक और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्ट बैंक के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इसके मुख्य अतिथि होंगे।
” पंकज कुमार ने कहा कि भारत बांधों की संख्या के लिहाज से अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर है। देश में लगभग छह हजार बांध हैं, जिनमें 80 प्रतिशत 25 साल पुराने हैं। 234 बांध तो सौ साल पुराने हैं। इस लिहाज से उनकी सुरक्षा सबसे अहम है। 2021 में बांध सुरक्षा को लेकर जो नया कानून बना है, उसमें साल में दो बार इन बांधों के निरीक्षण की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई है। बांधों की निगरानी और उनके रखरखाव के लिए कई देश एक-दूसरे का खासकर तकनीक के लिहाज से सहयोग कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि दुनिया भारत में बांध सुरक्षा के लिए बने इस कानून को एक बेंचमार्क के रूप में देख रही है। जैसे-जैसे बांधों की संख्या बढ़ रही है, उनके प्रबंधन के लिहाज से चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। पंकज कुमार ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन से बांध सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय नीतियों को तय करने में मदद मिलेगी।