पीटीआई। जीएसटी से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अपीलीय न्यायाधिकरण की 31 पीठ स्थापित की जाएंगी। वित्त मंत्रालय ने इन ट्रिब्यूनल की स्थापना से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है।
14 हजार से अधिक लंबित मामलों के समाधान का मार्ग होगा प्रशस्त
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना से 14 हजार से अधिक लंबित मामलों के शीघ्र समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा। वर्तमान में कर अधिकारियों के फैसले से असंतुष्ट करदाताओं को संबंधित हाई कोर्ट में अपील करनी पड़ती है। मामले के निपटारे में लंबा समय लगता है, क्योंकि हाई कोर्ट पहले से ही लंबित मामलों के बोझ से दबे हैं। इतना नहीं नहीं उनके पास जीएसटी मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष पीठ नहीं है।
पिछले महीने लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया था कि जीएसटी अधिकारियों के फैसले के खिलाफ अपील की संख्या जून के अंत तक 14,227 हो गई है। मार्च, 2021 में यह आंकड़ा 5,449 था।
उत्तर प्रदेश में होंगी तीन पीठ
अधिसूचना के अनुसार, आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में तीन पीठ होंगी। गुजरात तथा केंद्रशासित प्रदेश दादरा व नगर हवेली और दमन-दीव में दो पीठ होंगी। गोवा और महाराष्ट्र को मिलाकर तीन बेंच होंगी। कर्नाटक और राजस्थान में दो-दो पीठ होंगी। पश्चिम बंगाल, सिक्किम तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, पुडुचेरी में कुल मिलाकर दो-दो पीठ स्थापित की जाएंगी, जबकि केरल तथा लक्षद्वीप में एक पीठ होगी। सात पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में एक पीठ होगी। अन्य सभी राज्यों में जीएसटी ट्रिब्यूनल की एक पीठ होगी।
“जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना से मामलों का त्वरित और किफायती समाधान सुनिश्चित होगा। सरकार का यह कदम व्यापारिक भावनाओं को मजबूत करने और देश में व्यापार करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करेगा। -चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, सीआइआइ”
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“अब न्यायाधिकरणों के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने, योग्य सदस्यों की नियुक्ति करने और आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधन उपलब्ध कराने के दूसरे चरण का काम शुरू किया जाएगा। -रजत मोहन, सीनियर पार्टनर, एएमआरजी एंड एसोसिएट्स”