लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में आरक्षण देने के सम्बन्ध में ” नारी शक्ति वंदन अधिनियम” पेश किया गया था | जिसे काफी चर्चा के बाद लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया गया है | आपको बता दें कि इस अधिनियम को पारित करने के लिए पर्ची से वोटिंग कराई गई। जिसमे इस अधिनियम के पक्ष में 454 लोगों ने वोटिंग की , जबकि दो मत अधिनियम के विरोध में पड़े थे । बिल के समर्थन में वोटिंग होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि दो तिहाई बहुमत से विधेयक के पारित हो गया है |
गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार की और से सभी दलों से महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर दुनिया को एकजुट होकर संदेश देने का आह्वान किया। उन्होंने साफ संकेत दिया कि सरकार विधेयक पर सुझावों को खुलेमन से स्वीकार करने को तैयार है और जरूरत पड़ने पर इसमें संशोधन भी किया जा सकता है।
लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को लेकर हुई चर्चा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रायबरेली सांसद और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी सहित 60 सदस्यों ने हिस्सा लिया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने रानी दुर्गावती, रानी चेन्नम्मा, रानी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मी जैसी असंख्य वीरांगनाओं का उल्लेख किया।
अधिनियम लाने के समय और इसे लागू करने में देरी की आशंकाओं के साथ सरकार की राजनीतिक मंशा को लेकर विपक्ष के सवालों पर केंद्रीय गृह मंत्री ने तीखा पलटवार किया। केंद्र सरकार के 90 सचिवों में मात्र तीन सचिव ओबीसी से होने को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि देश सचिव चलाते हैं। सच्चाई यह है कि देश सरकार, कैबिनेट और संसद से चलता है।
सनद रहे कि केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद सीटें आरक्षित करने वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया था, जो लोकसभा में पारित हो गया। इस अधिनियम को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ नाम दिया गया।
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