पीटीआई, : भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) की दिशा में अब निर्णायक कदम बढ़ाए जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच इस प्रस्तावित समझौते के लिए लगभग 19 विषयों पर आधारित ‘Terms of Reference’ (टीओआर) को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिनमें वस्तु व्यापार, सेवाएं और सीमा शुल्क सुविधाएं शामिल हैं।
इस ऐतिहासिक व्यापार समझौते की औपचारिक वार्ता से पहले, भारत का एक उच्चस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल 23 अप्रैल से अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होगा। इस दल का नेतृत्व भारत के मुख्य वार्ताकार और वर्तमान में वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल करेंगे, जिन्हें हाल ही में अगले वाणिज्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। वे 1 अक्टूबर से यह जिम्मेदारी संभालेंगे।
लगातार बढ़ रही है कूटनीतिक सक्रियता
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को गति देने के उद्देश्य से हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। पिछले महीने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के सहायक प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की भारत यात्रा इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा रही थी।
दोनों देश सितंबर-अक्टूबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान के 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाना है।
समझौते से क्या बदलेगा?
प्रस्तावित बीटीए के अंतर्गत, भारत और अमेरिका एक-दूसरे के साथ व्यापार होने वाली कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम या समाप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, सेवाओं और निवेश क्षेत्र में व्यापार को सुगम बनाने के लिए नियमों को सरल किया जाएगा, जिससे स्टार्टअप्स, टेक कंपनियों और मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों को नए अवसर मिल सकते हैं।
अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। भारत के कुल निर्यात का 18% और आयात का 6.22% अमेरिका से होता है। 2024-25 में भारत को अमेरिका के साथ 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष भी मिला।
यह समझौता न केवल भारत की वैश्विक व्यापार नीति को नई दिशा देगा, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों को रणनीतिक और आर्थिक रूप से और भी मजबूत बनाने का कार्य करेगा।