ITBP की थालियों में अब सीमांत किसानों की मेहनत—उत्तराखंड के 253 पशुपालकों ने 5 महीने में किया 2.6 करोड़ का कारोबार

 

 

 

TMP: उत्तराखंड के सीमांत जिलों में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की बटालियनें अब मटन, चिकन और फिश के लिए दिल्ली या अन्य बड़े शहरों की ओर नहीं ताक रही हैं। बल्कि अब उनके लिए यह ताज़ा आपूर्ति स्थानीय पशुपालकों द्वारा की जा रही है—वो भी सीधे तौर पर, बिना किसी बिचौलिए के।

उत्तराखंड पशुपालन विभाग की इस अनोखी पहल का अनुबंध विधिवत रूप से 30 अक्तूबर 2024 को आईटीबीपी के साथ किया गया था। इसके तहत पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और चंपावत जिलों की 10 सहकारी समितियों और एफपीओ से जुड़े 253 किसान, आईटीबीपी की सीमावर्ती बटालियनों को जिंदा मटन, चिकन और ट्राउट फिश की आपूर्ति कर रहे हैं।

सिर्फ 5 महीने में 2.6 करोड़ का कारोबार

योजना के महज पांच महीनों में इन किसानों ने कुल 79,530 किलो मांस और मछली की आपूर्ति की है, जिसमें शामिल हैं—42,748 किलो जिंदा भेड़-बकरी, 29,407 किलो चिकन और 7,374 किलो ट्राउट फिश। इसके बदले किसानों को अब तक कुल 2.6 करोड़ रुपये की आमदनी हो चुकी है।

20 करोड़ सालाना कारोबार की उम्मीद

पशुपालन विभाग के सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम के मुताबिक, किसानों को सप्लाई के 24 घंटे के भीतर डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड भी तैयार किया है। डॉ पुरुषोत्तम का मानना है कि इस योजना के तहत सालाना 800 मीट्रिक टन मटन, चिकन और फिश की आपूर्ति होगी, जिससे सीमांत किसानों को लगभग 20 करोड़ रुपये तक का व्यापार मिलेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने बताया ‘डबल बेनिफिट’ स्कीम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना को ‘डबल बेनिफिट’ स्कीम बताया। उनका कहना है कि इससे एक ओर सीमांत किसानों की आय बढ़ रही है, जिससे पलायन रुकेगा, वहीं दूसरी ओर आईटीबीपी को ताजा और उच्च गुणवत्ता की खाद्य सामग्री मिल रही है। “किसान अब देश की रक्षा पंक्ति को मजबूत कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।

सफलता की कहानियां: नरेंद्र और प्रकाश की मिसाल

पिथौरागढ़ जिले के बड़ालू गांव के नरेंद्र प्रसाद ने मुर्गी पालन की योजना से शुरुआत कर जनवरी से अब तक प्रति माह 16 कुंतल चिकन तैयार करना शुरू किया है, जिनमें से तीन कुंतल आईटीबीपी को सप्लाई हो रहे हैं। वहीं, देवदार गांव के प्रकाश कोहली ने जनवरी 2025 से अब तक 11 कुंतल बकरी सप्लाई कर 50 हजार रुपये का लाभ अर्जित किया है। अब वे अपनी पशुपालन यूनिट को और बड़ा करने की योजना बना रहे हैं।

 

(Visited 977 times, 1 visits today)