चारधाम यात्रा की तैयारी में सरकार अलर्ट मोड पर: मुख्य सचिव ने दिए समयबद्ध कामों के निर्देश, श्रद्धालुओं को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

 

 

 

 

देहरादून: उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा 2025 को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुट गई है। शनिवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय स्थित सभागार में चारधाम यात्रा से जुड़े अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ली और समयबद्ध कार्य योजना पर फोकस करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों से लेकर स्वास्थ्य जांच, पार्किंग और स्वच्छता तक हर व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए।

यात्रा मार्गों की जल्द मरम्मत और सुविधाएं हों सशक्त

मुख्य सचिव ने चारों धामों—केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—के लिए नियुक्त अधिकारियों से विस्तृत फीडबैक लिया और संबंधित जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर सुझाव का गंभीरता से अनुपालन हो।

उन्होंने कहा, “चारधाम यात्रा आरंभ होने से पहले सभी सड़क मार्ग, शौचालय, बिजली, पानी, सुरक्षा और संचार व्यवस्था पूरी तरह से क्रियाशील हो जानी चाहिए।”

स्वास्थ्य जांच केंद्रों की संख्या बढ़ेगी, केदारनाथ अस्पताल जल्द तैयार होगा

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर जैसे पंजीकरण स्थलों पर हेल्थ स्क्रीनिंग सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही, केदारनाथ में निर्माणाधीन अस्पताल को यात्रा शुरू होने से पहले चालू कर दिया जाए

मल्टी-लेवल पार्किंग और ट्रैफिक प्लान पर विशेष बल

भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए अधिकाधिक पार्किंग स्थलों की पहचान, वहां रहने-खाने की व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, स्थानीय परिस्थिति के अनुसार वैकल्पिक मार्गों सहित ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार करने पर भी बल दिया गया।

‘स्मृति वन’ से जुड़ेंगे श्रद्धालु, पौधारोपण का मिलेगा अवसर

मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिए यात्रा मार्गों पर ‘स्मृति वन’ चिन्हित किए जाएं, जहां वे अपने नाम से पौधारोपण कर यादगार क्षणों को संजो सकें।

डिजिटल सूचना व्यवस्था और आरएफआईडी टैग की होगी व्यवस्था

जाम की स्थिति में यात्रियों को समय पर जानकारी देने के लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। साथ ही, तब तक बल्क SMS और WhatsApp संदेशों से अपडेट दिया जाएगा।

मुख्य सचिव ने घोड़ा-कंडी, दुकानदारों समेत सभी सेवा प्रदाताओं के लिए आरएफआईडी टैग अनिवार्य करने और तंबुओं की सुव्यवस्थित स्थापना के निर्देश भी दिए।

सफाई, पानी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयास

‘सुलभ’ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नियमित सफाई व पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया। स्वच्छता कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग के टाइड फंड से फंड आवंटन पर भी विचार हुआ।

भूस्खलन क्षेत्रों का शीघ्र उपचार, लॉ वोल्टेज की समस्या होगी दूर

संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का तात्कालिक और दीर्घकालिक उपचार करने के निर्देश दिए गए। साथ ही यूपीसीएल को धामों में लॉ वोल्टेज की समस्या दूर करने को कहा गया।

इस अवसर पर संबंधित सचिवों, आयुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ-साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारधाम क्षेत्रों से जुड़े अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

मुख्य सचिव की यह बैठक राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि इस वर्ष चारधाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार बनाया जाएगा।

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