हरिद्वार : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, हरिद्वार में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2025 में प्रतिभाग कर नव निर्मित भवन और चार स्मार्ट क्लास रूम्स का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभावान छात्रों और शिक्षकों को सम्मानित कर उनके कार्यों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने नए भवन और स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत पर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विद्या भारती द्वारा स्थापित सरस्वती शिशु मंदिर की यह यात्रा अब वटवृक्ष बन चुकी है, जो राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने बताया कि विद्या भारती देशभर में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित कर रही है, जिनमें 35 लाख से अधिक छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उत्तराखंड में विद्या भारती के 500 से अधिक विद्यालयों में एक लाख से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट क्लासेज के उद्घाटन को शिक्षा में तकनीकी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया और कहा कि यह प्रमाण है कि विद्या भारती के स्कूल आधुनिक सुविधाओं में किसी से पीछे नहीं हैं।
धामी ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार लगातार सुधार कर रही है। उन्होंने गिनाया कि—
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प्रदेश में पहली बार नई शिक्षा नीति लागू की गई है।
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141 पीएम-श्री विद्यालय, 500 वर्चुअल क्लासरूम, और मॉडल कॉलेज तैयार किए जा रहे हैं।
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एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य की गई हैं, और लैब ऑन व्हील्स जैसी पहल शुरू हुई है।
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कक्षा 1 से 12 तक मुफ्त किताबें, जूते, और बस्ते भी छात्रों को दिए जा रहे हैं।
खेलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयासों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक पहल की है। राज्य में 8 वर्ष की उम्र से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।
राज्य में लागू देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोई भी नकल माफिया मेहनती छात्रों के सपनों पर पानी नहीं फेर सकता। उन्होंने बताया कि कानून लागू होने के बाद पिछले 3 वर्षों में 22,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों से मेहनत और ईमानदारी के साथ पढ़ाई करने का आह्वान किया और कहा कि यह विद्यालय आने वाली पीढ़ियों को भी न केवल शिक्षा देगा, बल्कि उनमें सामाजिक और नैतिक मूल्यों का भी विकास करेगा।