चारधाम यात्रा से पहले सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश: हर स्तर पर बेहतर प्लानिंग और रियल टाइम मॉनिटरिंग पर जोर

 

 

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सुगम यात्रा को लेकर सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सचिवालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह सुनिश्चित कर ली जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार यात्रा मार्गों पर पार्किंग व्यवस्था उन स्थानों पर विकसित की जाए, जहां होटल, धर्मशाला, होमस्टे और मूलभूत सुविधाएं मौजूद हों। दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाया जाए और रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग, सोशल मीडिया अपडेट, गूगल मैप इंटीग्रेशन और सीसीटीवी व ड्रोन निगरानी जैसी तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाए।

रजिस्ट्रेशन जरूरी, ऑनलाइन-ऑफलाइन का संतुलन

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से पूर्व पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराने की अपील की। इस वर्ष यात्रा के लिए 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा जाए और वैकल्पिक मार्गों को भी मजबूत किया जाए।

सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस का विशेष प्लान

DGP दीपम सेठ ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा के लिए:

  • 50 पुलिस थाने,

  • 79 रिपोर्टिंग चौकियां,

  • 5850 पुलिसकर्मी,

  • 38 सीजनल पुलिस चौकियां

    तैनात की जाएंगी।

चारधाम यात्रा मार्ग को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टर में विभाजित किया गया है। गढ़वाल रेंज के अंतर्गत चारधाम कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसकी कमान एसपी ट्रैफिक देहरादून लोकजीत सिंह को सौंपी गई है।

दुर्घटना संभावित स्थल चिन्हित, पार्किंग क्षमता में इजाफा

पुलिस विभाग ने यात्रा मार्ग के 54 बॉटलनेक्स, 198 दुर्घटना संभावित स्थल, 49 ब्लैक स्पॉट और 66 भूस्खलन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया है। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा से पूर्व सभी सुधार कार्य पूर्ण कर लें।

इस बार कुल 130 पार्किंग स्थलों पर 43416 छोटे और 7855 बड़े वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले वर्ष की तुलना में पार्किंग क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।

अतिरिक्त प्रबंध

  • पुलिस सहायता डेस्क की स्थापना यात्रा मार्गों पर की जाएगी।

  • आपदा संभावित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे और आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था।

  • क्रैश बैरियर्स और साइनेज बोर्ड्स की बेहतर व्यवस्था की जाएगी।

  • वाहनों की सघन जांच और फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस वर्ष यात्रा प्रबंधन में पिछले वर्ष की समस्याओं की पुनरावृत्ति न हो और हर पहलू पर बारीकी से निगरानी रखी जाए।

सरकार चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुखद अनुभव बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी है। तकनीकी सहयोग, बेहतर समन्वय और जमीनी स्तर पर सख्त निगरानी से इस बार यात्रा और भी व्यवस्थित रहने की उम्मीद है।

 
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