TMP : पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई ‘पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स’ (PAI) रिपोर्ट ने देश की ग्राम पंचायतों की जमीनी हकीकत को सामने ला दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, देश की कोई भी ग्राम पंचायत A+ श्रेणी में स्थान नहीं बना सकी, जबकि A श्रेणी में भी केवल 699 पंचायतें (0.3%) ही जगह बना पाईं।
यह रिपोर्ट वर्ष 2022-23 के डाटा पर आधारित है, जिसमें 255,699 ग्राम पंचायतों में से 216,285 पंचायतों के सत्यापित डाटा को शामिल किया गया। PAI के अंतर्गत पंचायतों को नौ प्रमुख विषयों पर प्रदर्शन के आधार पर ग्रेडिंग दी गई, जिनमें गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, बाल अधिकार, जल उपलब्धता, स्वच्छता, बुनियादी सुविधाएं, सामाजिक न्याय, सुशासन और महिला सशक्तिकरण जैसे लक्ष्य शामिल हैं।
PAI रिपोर्ट के अनुसार पंचायतों की स्थिति:
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A+ ग्रेड (90-100 अंक): 0 पंचायत
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A ग्रेड (75-90 अंक): 699 पंचायतें (0.3%)
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B ग्रेड (60-75 अंक): 35.8%
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C ग्रेड (40-60 अंक): 61.2% (अधिकांश पंचायतें)
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D ग्रेड (40 से कम अंक): 2.7%
A श्रेणी में सर्वाधिक पंचायतें गुजरात से:
गुजरात की 346 पंचायतें A ग्रेड में शामिल हैं, उसके बाद तेलंगाना (270), त्रिपुरा (42), दादरा एवं नगर हवेली व दमन-दीव (12), केरल और महाराष्ट्र (8-8) तथा उत्तर प्रदेश (4) पंचायतें शामिल हैं। प्रतिशत के हिसाब से दादरा एवं नगर हवेली व दमन-दीव शीर्ष पर है (31.5%)।
PAI रिपोर्ट क्यों है अहम?
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने पंचायतों को विकास के ठोस पैमानों पर परखने का प्रयास किया है। इसका मकसद ग्राम पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और उनकी कमियों को चिन्हित कर उन्हें सुधारने की दिशा में मार्गदर्शन देना है। यह रिपोर्ट ग्राम पंचायत स्तर से लेकर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर तक नीति निर्माण और योजना क्रियान्वयन के लिए एक ठोस आधार प्रदान करती है।
रिपोर्ट का संदेश स्पष्ट है—कागजों पर बनी योजनाओं को धरातल पर उतारने की दिशा में अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। अधिकारों का विकेंद्रीकरण और पंचायतों को वास्तविक सशक्तिकरण ही सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की कुंजी साबित हो सकते हैं।